आजमगढ़- आजमगढ़ में अपहरण के बाद दलित शिक्षिका के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। आरोप है कि इस घटना को भाजपा का झण्डा लगेे स्कार्पियो से अंजाम दिया गया। बलात्कार के दौरान दुराचारियों ने नग्नावस्था में शिक्षिका का वीडियो बनाया और पीड़िता को सड़क किनारे गड्ढे में फेंक दिया। उसका बैग भी पास ही फेंका गया। उसने किसी तरह से बैग से अपना मोबाइल निकालकर परिजनों को अवगत कराया। पुलिस पूरी तरह से मामले के लीपापोती में जुटी रही। हाल यह है कि घटना के तीसरे दिन बाद आज पीडि़ता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया वह भी महिला पुलिस के साथ नहीं। घटना की सूचना के बाद पुलिस घंटों पीड़िता को घटनास्थल के आसपास घुमाती रही। मामले को दबाने के प्रयास का भी आरोप लगा। इसे लेकर लोगों में गुस्सा रहा। वहीं मामले में पुलिस अधिकारी ने किसी भी लापरवाही से इंकार किया और जल्द पर्दाफ़ाश करने का दावा किया। लालगंज लोकसभा से बीजेपी सांसद नीलम सोनकर के अनुसार उन्होंने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया।
पीड़िता ने अपने साथ घटना को बताया और यह भी कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो जान देगी। घटना बीते 16 नवम्बर को शाम पांच बजे के करीब घटी। पीडि़ता 20 वर्षीया शिक्षिका रानी की सराय थाना क्षेत्र के रूदरी गांव की रहने वाली है और दलित समुदाय से ताल्लुक रखती है। वह रानी की सराय के ही एक निजी इण्टर कालेज में पढ़ाती है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए खुद भी रानी की सराय कस्बे के एक कोचिंग में पढ़ती है। 16 नवम्बर की शाम वह कोचिंग पढ़कर पैदल ही वापस घर लौट रही थी। वह शम्मोपुर नहर पुलिया के पास पहुंची ही थी कि सुनसान जगह देेखकर सामने से आ रही राजनितिक दल का झण्डा लगी स्कार्पियो सवारों ने उसके पास पहुंचकर स्पीड धीमी की और उसे स्कार्पियो में खींच लिये। इसके बाद स्कार्पियोे तेज रफ्तार में चली गयी। सुनसान जगह पर उसे ले जाकर स्कार्पियो सवार चालक सहित चार लोगों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में वह लोग उसका वीडियो बनाये औैर उसे वहीं पर गाड़ी से बाहर धकेल दिया। साथ ही उसका बैग भी फेंक दिया और चलेे गये। उनके जाने के बाद दर्द से कराहती शिक्षिका ने अपने बैग से मोबाइल निकालकर किसी तरह से अपने परिजनों को अवगत कराया। वह लोकेेशन भी नहीं बता पा रही थी। किसी तरह से कपड़े पहनकर आस-पास के लोगों से जगह का नाम पूछा तो पता चला की वह रानी की सराय थाना क्षेत्र के ही सोनवारा गांव के पास है। ऐेसे में उसकेे लोकेशन बताने पर परिजन पहुंचे और उसे घर लाये। परिजनों का कहना है की मुकामी पुलिस को घटना के दिन ही सारे तथ्यों से अवगत करा दिया गया। बावजूद इसके पुलिस सोती रही। घटना के दूसरे दिन शनिवार को लोकेेशन जानने के नाम पर पुलिस उसे पूरे दिन घुमाती रही। किसी तरह से पुलिस ने मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया मगर रविवार को घटना के तीसरे दिन तक भी पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया जा सका है। पीडि़ता ने रोते हुए कहा कि पुलिस उसके और उसके परिवार पर दबाव बना रही है कि वह घटना की चर्चा किसी से न करे। फिलहाल रविवार कोे पुलिस के उच्चाधिकारी उसका बयान लेने के लिए उसके घर पर पहुंचे। पीडि़ता का कहना है कि बड़े राजनितिक दल का झंडा लगे वाहन से घटना को अंजाम दिया गया और उस स्कार्पियोे का आधा नम्बर एमएच 07 आर उसको याद है। साथ ही बताया की स्कार्पियो सवार लोग शराब के नशे में धुत थे। स्थानीय पुलिस मामले की लीपापोती में जुटी हुई है।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़