झांसी। अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। जो लोग अहंकार करते है उनका अंत हिरणाकश्यप की तरह हो जाता है। यह बात कुं. सुमन सरकार ने शांति कुंज कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कहीl
महानगर के खाती बाबा क्षेत्र में स्थित शांति कुंज कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में भक्त प्रहलाद की कथा सुनाई गई।
कथावाचक कुं. सुमन सरकार ने कहा कि भक्त प्रहलाद बचपन से ही ईश्वर की भक्ति में लीन हो गए थे। पिता हिरण्या कश्यप पुत्र की ईश्वर भक्ति से खिन्न था। उन्हें ईश्वर भक्ति से दूर करने के लिए तरह-तरह की यातनाएं देने लगा। इसके बाद भी उन्होंने भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी। प्रहलाद को मारने के लिए पिता ने अपने दूतों से पुत्र को पहाड़ों से नीचे फिकवाया। इसके बावजूद ईश्वर भक्ति के कारण प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ। तब एक खंभे को गर्म कराकर भक्त प्रहलाद को खंभे से लिपटने के लिए कहा और स्वयं तलवार लेकर उसको मारने को खड़ा हो गया। भक्त प्रहलाद की पुकार सुनकर खंभा फट गया और खंभे के अंदर से नर¨सह भगवान प्रकट हुए। उन्होंने हिरणाकश्यप का वध कर डाला। गया। अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। जो लोग अहंकार करते है उनका अंत हिरणाकश्यप की तरह हो जाता है। इस मौके पर मुख्य यजमान श्रीमती सोनी- रामकृष्ण यादव, सूबेदार यादव, अरविंद यादव, रमाकांत यादव मनोज यादव, उमाकांत यादव, अश्वनी यादव एवं सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहेl
-उदय नारायण, झांसी