अस्तांचल और उदयांचल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज सम्पन्न हुआ चार दिवसीय छठ पर्व

मझौलिया/बिहार – अस्ताचल और उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज सम्पन्न हुआ चार दिवसीय छठ पर्व ।आपको बता दे कि आस्था का यह महान पर्व पूरे मझौलिया प्रखंड क्षेत्र में काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया ।गौरतलब है कि पूरे गुरचुरवा के ग्रामीणों के द्वारा भब्य पंडाल का निर्माण कराया गया था । कहा जाता है कि छठ पर्व की महिमा जितनी महान,व्रत उतनी ही कठिन होती है ।
श्रद्धा, भक्ति, लोक आस्था व सूर्योपासना का यह महापर्व छठ की महिमा अपार है। मान्यता के अनुसार व्रत को करने से जहां असाध्य रोग व दु:ख का निवारण होता है। वहीं अन्य समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। पवित्रता, त्याग व हठयोग व् तपस्या वाले इस महापर्व की महिमा अपरम्पार है ।
छठ में न सिर्फ उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाता है, बल्कि डूबते सूर्य को भी अ‌र्घ्य दिया जाता है। सूर्योपासना का यह पर्व संदेश देता है कि गतिशील ही सिर्फ सम्मान के पात्र नहीं होते, बल्कि वे भी श्रद्धा के पात्र है। इस पर्व में प्रकृति प्रदत्त तमाम फल-फूल नारियल,निम्बू, अदरख, मूली, हल्दी, सुथनी, सकरकन्द, सेव, सिंघाड़ा पानी फल केला, गन्ना आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं। छठ में प्रकृति की पूजा होने से इनके गीतों में पशु-पक्षी के प्रेम की भी झांकी मिलती है। सूर्य से हर तबके के लोग, जीव-जंतु एवं पेड़-पौधे लाभान्वित होते हैं। इसलिए छठ में सूर्य के परोपकारी स्वरूप की पूजा -अर्चना की जाती है।
आस्था की इस महापर्व में श्रद्धा,भक्ति,निष्ठा व सेवा के अलावे पवित्रता का ख्याल रखा जाता है। इसलिए व्रती महिलाएं मन, कर्म व वचन से ही नहीं बल्कि शरीर से भी पवित्र रहकर चार दिवसीय महापर्व छठ के अनुष्ठान को पूर्ण करती है।आज उदयमान सुर्य को अर्ध्य देने के बाद आज सम्पन्न हुआ चार दिवसीय छठ पर्व ।

– राजू शर्मा की रिपोर्ट

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