अवैध डेयरियों के चलते क्षेत्र के नागरिकों का जीना हराम

लखनऊ- उ०प्र० के मुख्यमंत्री,नगर महापौर लखनऊ,नगर आयुक्त,लखनऊ जिलाधिकारी, लखनऊ चाहे जितना प्रयास करते रहें! पर सघन आबादी में चलती आरा मशीने, बेलगाम हो रहे छोटे हाँथी(छोटे माल वाहन)गली कूचों में अवैध रूप से चल रही डेयरियाँ,सड़कों पर घूमते आवारा पशु,लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनने में सबसे बड़े बाधक हैं! गली कूचों मुहल्ले में चलने वाली डेयरियों का यह हाल है कि गली मुहल्लों में डेयरी चलाने वाले लोग दुधारू पशुओं का दूध निकाल कर पशुओं को गली मुहल्ले में छुट्टा छोड़ देते हैं!जिसके कारण मुहल्ले गली के स्कूल, कालेज जाने वाले बच्चों को खतरा बना रहता है! साथ ही उस क्षेत्र के रहने वालों को भी भारी परेशानी होती है! डेयरी चलाने वाले इतने दबंग हैं कि विरोध करने पर मार पीट पर उतारू हो जाते हैं! माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सघन आबादी में चलने वाली आरा मशीनों, तथा डेयरियों को हटाने का स्पष्ट आदेश है परन्तु पता नहीं लखनऊ प्रशासन क्यों आँखे मूँदे बैठा है! इस विषय में पुलिस की मिली भगत से इन्कार नहीं किया जा सकता क्यों कि डेयरी संचालकों द्वारा यह कहा जाना कि जाओ जिससे कहना हो कह दो हमें कोई नहीं हटा पायेगा यह बात सिद्ध करती है कि इसमें कहीं न कहीं पुलिस,प्रशासन की मिली भगत है!इस तरह से तो लखनऊ स्मार्ट सिटी बनने से रहा

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