बरेली। त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन की मतदाता नामावली पुनरीक्षण अभियान में शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया है कि सहायक अध्यापकों की ड्यूटी काटकर शिक्षामित्र को लगाया जा रहा है। शिकायत पर भी कोई शिक्षामित्रों की सुध लेने वाला नहीं है। जिले की नवाबगंज तहसील में शिक्षामित्र ओमकार ने आरोप लगाया है कि यहां सहायक अध्यापक की ड्यूटी काटकर शिक्षामित्र को लगाया जा रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार शिक्षामित्र अयोग्य है और स्थानीय होने के कारण उन पर जनप्रतिनिधियों के आरोप लगते रहते हैं। पंचायत चुनाव के सबसे पहले लिस्ट सहायक अध्यापकों की ड्यूटी थी लेकिन अब उन लोगों की ड्यूटी काटकर शिक्षामित्रों को लगाया जा रहा है। शिक्षामित्र ने जब इसकी शिकायत तहसील में की तो वहां शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जिला महामंत्री कपिल यादव ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य कर्मचारियों जैसे लेखपाल, जूनियर बेसिक स्कूलों के अध्यापक, सफाई कर्मी व अन्य राज्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने का निर्देश दिया है। कहा कि विकट परिस्थितियों में ही शिक्षा मित्र की ड्यूटी लगाई जा सकती है। बीएलओ ड्यूटी में बदलाव का खेल जिले के हर तहसील में चल रहा है। जिला संगठन मंत्री कुमुद केशव पाण्डे ने बताया कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है किसी भी शिक्षामित्र की डयूटी गैर शैक्षिक कार्य में न लगाई जाए। उच्च न्यायालय के आदेश को ठुकराते हुए अधिकारियों ने शिक्षामित्रों की डयूटी बीएलओ में लगा दी है। अब इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव