हरतालिका तीज आज, सिद्धि योग घोलेगा दाम्पत्य जीवन में मिठास

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। अखंड सौभाग्य की कामना और पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज का निर्जला व्रत इस बार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में यानी 21 अगस्त शुक्रवार को है। लोकप्रिय इस व्रत की घर-घर तैयारियां पूरी हो चुकी है। इसके व्रत को सौभाग्यवती स्त्रियां 16 श्रृंगारों से सजकर अपने सौभाग्य को अक्षुण बनाए रखने के लिए व्रत पूजन करतीं हैं और कन्याएं अपने भावी दांपत्य जीवन को सौभाग्य पूर्ण बनाने के लिए व्रत पूजन को श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। आचार्य बतातें हैं कि कई जगहों पर इसे तीजा भी कहते है। यह व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत महिलाओं के लिए करवा चौथ से भी ज्यादा कठिन व्रत माना जाता है। इस बार का व्रत बहुत ही खास है, क्योंकि 27 योगों में सबसे ज्यादा मंगलकारी सिद्धि योग भी रहेगा। तृतीया तिथि पूरे दिन व्याप्त रहेगी। हमारे देश में मेहंदी लगाने की विशेष परंपरा है, जिस का विशेष महत्व माना गया है।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त
प्रातःकाल मुहूर्त : सुबह पांच बजकर 53 मिनट से सुबह आठ बजकर 29 मिनट तक
अवधि: दो घंटे 36 मिनट
हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त : शाम छह बजकर 54 मिनट से रात नौ बजकर छह मिनट तक
हरतालिका तीज का महत्व
हरतालिका तीज पर माता पार्वती और भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए ये व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हरतालिका तीज व्रत के नियमहरतालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है। इस व्रत के दिन महिलाएं रात्रि जागरण करतीं हैं।।

बरेली से कपिल यादव

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