*राष्ट्रीय अल्जाइमर डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह शुरू
*जेल में निरुद्ध बंदियों की काउंसिलिंग की गई
हमीरपुर- जनपद में सोमवार से राष्ट्रीय अल्जाइमर डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह शुरू हो गया, जो 25 सितंबर तक चलेगा। पहले दिन टीम ने जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की काउसिलिंग कर उनकी मानसिक स्थिति को समझने का प्रयास किया। पहले से उपचाराधीन बंदियों को नियमित दवा का सेवन करने की सलाह दी गई।
जिला अस्पताल के मन:कक्ष की साइको थेरिपिस्ट डॉ. नीता और कम्युनिटी नर्स प्रगति गुप्ता की टीम ने अस्पताल के फार्मासिस्ट अजीत के साथ मिलकर जेल में निरुद्ध बंदिओं की काउंसिलिंग की। डॉ. नीता के अनुसार जेल में 10 से 12 ऐसे मानसिक विकारों से ग्रसित मरीज हैं, जिनका उपचार पहले से ही चल रहा है। इनकी भी काउसिलिंग की गई। इसके अलावा 4 से 5 ऐसे बंदी भी काउंसिलिंग में सामने आए, जिन्हें बहुत ज्यादा गुस्सा आता है या फिर वह अपने जीवन से हताश हो गए हैं, इन सभी बंदियों की काउसिलिंग कर उन्हें इससे उबरने के लिए योगाभ्यास के टिप्स दिए गए। साथ ही ऐसे काम करने की सलाह दी गई, जिससे उन्हें खुशी महसूस होती हो। सामान्य बंदिओं की भी काउसिलिंग की गई। इस मौके पर जेल अधीक्षक एके गौतम, डिप्टी जेलर रामरतन यादव, अविनाश सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
डॉ. नीता ने बताया कि राष्ट्रीय अल्जाइमर डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के दौरान 25 सितंबर तक विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित होंगी, जिनकी तैयारियां की गई हैं। मंगलवार 20 सितंबर को कुरारा ब्लाक के गांवों में समर्थ फाउंडेशन के साथ मिलकर महिलाओं के बीच जाकर जागरूकता गोष्ठी की जाएगी। 21 सितंबर को वृद्धा आश्रम, 22 सितंबर को टीबी सभागार में गोष्ठी, 23 सितंबर को मौदहा ब्लाक के कम्हरिया गांव की दरगाह के बाहर शिविर लगाया जाएगा। 24 सितंबर को सुमेरपुर पीएचसी के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों का भ्रमण कर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए के रावत के अनुसार- ‘उम्र बढ़ने के साथ ही मनुष्य में तमाम किस्म के विकार उत्पन्न होने लगते हैं, उनमें अल्जाइमर प्रमुख विकार है। इसकी वजह से व्यक्ति अपनी याददाश्त खोने लगता है। इसके लक्षण भी बढ़ती उम्र के साथ परिलक्षित होने लगते हैं। इस समस्या को लेकर राष्ट्रीय अल्जाइमर डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा।’
क्या है अल्जाइमर्स
- अल्जाइमर्स एक लगातार बढ़ने वाला रोग है, जिससे याददाश्त एवं अन्य महत्वपूर्ण दिमागी काम करने की क्षमता नष्ट हो जाती है।
- दिमाग की कोशिकाओं का एक दूसरे से जुड़ाव और खुद कोशिकाओं के कमजोर और खत्म होने की वजह से याददाश्त एवं अन्य महत्वपूर्ण दिमागी कार्य करने की क्षमता नष्ट हो जाती है।
लक्षण
- याददाश्त का लगातार कमजोर होना।
- व्यवहार में परिवर्तन।
- थोड़ी देर पहले हुई घटनाएं भूल जाना।
- बातचीत करने में असमर्थता।
- प्रतिक्रिया देने में विलंब।
- व्यक्तियों एवं जगहों के नाम भूल जाना।