बरेली। शहर के शाहबाद स्थित हजरत शाह शराफत मियां की दरगाह पर सज्जादानशीन सकलैन मियां का आखिरी दीदार करने के लिए रविवार को उनके चाहने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा। सकलैन मियां कादरी 54 साल तक खानकाह शराफतिया के सज्जादानशीन रहे। उनके बारे मे कहा जाता है कि वह पैदाइश से ही रुहानियत के मालिक थे। शुक्रवार को उनका विसाल हो गया था। रविवार को इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान में सुबह 10 बजे नमाज-ए-जनाजा अदा की गई। इस्लामियां इंटर कॉलेज मैदान के आसपास सड़कों पर मुरीदों का हुजूम ऐसा कि तिल रखने की भी जगह नहीं थी। हर तरफ अपने पीर की मोहब्बत के लिए मुरीद हाथ उठाकर दुआ करते नजर आ रहे थे। मुरीद अपने पीर की आखिरी झलक पाने के लिए बेताब दिखे। इसके बाद उनको दरगाह परिसर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। हर तरफ रंजो गम की लहर थी। सभी अपने पीर के साथ छोड़कर चले जाने का मलाल किसी न किसी तरह व्यक्त कर रहे थे। कोई कह रहा था मियां हुजूर हमें अनाथ कर गए, कोई बोला हुजूर इतनी जल्दी क्यों रुखसत हो गए हमें तो अभी ऐसी उम्मीद भी न थी। इस माहौल के बीच दरगाह शरीफ से जनाजा मनिहारों की गली, कुतुबखाना चौराहा होता हुआ जिला परिषद मार्ग से इस्लामिया मैदान पहुंचा।रास्ते भर हजारों अकीदतमंद किसी न किसी तरह से जनाजे के वाहन को छूकर अपने माथे से लगाने को बेचैन थे। इस जज्बाती और पुर-मलाल माहौल के बीच तमाम लोगों को अपने कपड़ों के तार तार होने की भी परवाह न थी। जनाजा जिस रास्ते से गुजर सड़क से लेकर मकान की छतों तक पर लोग आखिरी दीदार के लिए खड़े नजर आए। इस्लामिया कॉलेज मैदान पहुंचने के बाद साहबजादे शाह गाजी मियां सकलैनी ने मियां हुजूर के जनाजे की नमाज अदा कराई। दुआ के बाद जनाजा उसी रास्ते से वापस होता हुआ दरगाह शरीफ पहुंचा। दरगाह परिसर में सकलैन मियां को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। मुरीदों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। आखिर में दरगाह के पास में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जा रहा है। सकलैन मियां के इस आखिरी सफर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम भी स्थानीय नेताओं के साथ विदाई देने पहुंचे। सकलैन मियां के जनाजे की नमाज को लेकर पुलिस अलर्ट रही। 300 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई, जिनमें से कुछ छतों पर भी तैनात रहे। तीन थाना प्रभारियों की भी तैनात की गई। कुतुबखाना इलाके में स्थित दरगाह से इस्लामियां कॉलेज तक पुलिस को मुस्तैद किया गया।।
बरेली से कपिल यादव