पूर्णिया/बिहार- किसान के पास पर्याप्त जगह नही होने के कारण वह लोग अपने मक्के को सड़क पर ही सुखाने को मजबूर है। जिस कारण सड़क दुर्घटना की संख्या बढ़ गई है। पूर्णिया के हर ब्लॉक का आलम यही बना हुआ है। छोटे सड़को से लेकर राष्ट्रीय राज्य मार्ग तक पर किसानों ने कब्जा कर रखा है। NH 77 से लेकर NH 106 तक सभी सड़को पर मकई सूखने का नया टेन्ट हो गया है। इसको किसानों की मजबूरी कहे या फिर मनमानी। कि नगर से लेकर सरसी , रानीगंज, मीरगंज धमदाहा , तुलसी कुरिया, सभी के सड़को का एक ही हाल है। गौर किया जाए तो इन सड़कों से प्रशासन, नेता और आला अधिकारियों के काफिला रोज आती जाती है पर किसी की नजर इन पर नही पर रही हैं।
वाहन चालकों का कहना है कि सूख रहा मक्का रोड का काफी हिस्सा घेर लेता है। इससे बड़े वाहनों के गुजरते समय पैदल या बाइक के लिए जगह ही नहीं बचता। ओवर टेकिंग व सामने से आने वाले वाहनों को काफी परेशानी होती है। रात में यह परेशानी और भी बढ़ जाती है।
किसानों का कहना है कि कोसी प्रमंडल में मक्का की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। कभी आपदा की मार तो कभी कीमतों का कम होना परेशानी का घर बना हुआ है। कुछ दिनों पहले मक्का में दाना नही आने से हम लोगों का कमर टूट गया है। वहीं मक्का सुखाने के लिए सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं रहने की वजह से सड़कों पर मक्का सुखाना मजबूरी बन गया है। इस समस्या के निराकरण के लिए सरकार को चबूतरा निर्माण कराने की पहल करना चाहिए।
-पूर्णिया से शिव शंकर सिंह की रिपोर्ट