स्वच्छता अभियान बना मजाक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े लाखों के शौचालय गायब सरपंच सचिव ने किया जमकर भ्रष्टाचार

*मध्यप्रदेश के दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जामुन का *मामला-2017-18-19 में बनाए गए शौचालय जमीनी हकीकत से गायब

मध्यप्रदेश/भोपाल! स्वच्छ और मिशन के अंतर्गत बनाये जाने वाले शौचालय के पीछे शासन की मंशा थी कि ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को खुले में शौच से मुक्त मिलेगा ताकि महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़े और उन्हें सम्मान से जीने का हक हासिल हो सकें लेकिन दमोह जिले के तेंदूखेड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जामुन में सरपंच सचिव की लापरवाही के कारण शासन की यह सम्मान और स्वच्छता प्रदान करने वाली योजना ग्रामीणों के लिए वरदान न होकर अभिशाप का सबब बन गई है तेंदूखेड़ा ब्लाक की जामुन ग्राम पंचायत में बने अधूरे और खंडहर शौचालय देखकर तो यही लगता है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए यह योजना केवल ग्रामीणों को बहला फुसलाकर और कागजों में बनाकर सिर्फ भ्रष्टाचार का जरिया ही है
ग्राम पंचायत के लोगों ने जताई आर्थिक गड़बड़ी की आशंका
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आने के शौचालय निर्माण के हितग्राहियों का कहना है कि जिस तरह सरपंच सचिव ने उन्हें निर्माण राशि 12 हजार दिलाए जाने के लिए कागजात लिए थे उससे उन्हें लगता है कि अधूरे निर्माण को कागजों में पूर्ण बताकर राशि का आहरण किया गया है वहीं सबसे बड़ी बात तो यह भी सामने आई है कि इस पंचायत में जो भी विकास कार्यों के काम हुई है वह घटिया और गुणवत्ताहीन है जो कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं और अधिकारियों ने इस और ध्यान भी नहीं दिया है जिसका भी जल्दी खुलासा किया जाएगा जो कि ग्राम पंचायत जामुन में 2017-18-19 मैं लाखों की लागत से शौचालयों का निर्माण कराया गया था लेकिन उनका अतापता तक नहीं है कि आखिर यह शौचालय कब बन गई और हितग्राहियों को पता तक नहीं चला
इस तरह बढ़ती गई राशि
केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को सरकारी अमला ही कमजोर करने में तुला हुआ है इसका उदाहरण ग्राम पंचायत जामुन में दिखने को मिला है और जहां शौचालय निर्माण के नाम पर इस तरह से राशि भी बढ़ती गई है जिला पंचायत के माध्यम से 1999 में समग्र स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है इसके तहत गांव में शौचालय बनाए जाने के लिए पात्रहितग्राही को 500सौ रुपए दिए जाते थे लेकिन 2007 में राशि बढ़कर 1200सौ रुपए हो गई इसके बाद 2009 में राशि 22सौ रुपए कर दी गई इस बीच 1अप्रैल 2012 को केंद्र की कांग्रेस सरकार ने समग्र स्वच्छता अभियान को निर्मल भारत अभियान का नाम दें दिया जिसके बाद शौचालय के लिए 46 सौ रुपए निर्मल भारत अभियान और 4400 रुपए रोजगार गारंटी योजना के तहत मिलने लगा लेकिन जब केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार बनने के बाद 2 अक्टूबर 2014 को निर्मल भारण अभियान का नाम बदलकर स्वच्छ भारत मिशन कर दिया गया और राशि बढ़कर 12 हजार रुपए कर दी गई
शौचालय का निर्माण घटिया
जनपद पंचायत तेंदूखेड़ा की ग्राम पंचायत जामुन में आने वाले सभी गांव में जमकर भ्रष्टाचार की इबारत लिखी गई है जहां शौचालय बनाने में हुए भ्रष्टाचार ने इस अच्छे खासे मोदी सरकार के स्वच्छता मिशन पर धब्बे जरुर लगा दिए है एक और मिशन को पूरा करने की हड़बड़ी में शौचालयों का निर्माण घटिया हुआ है वहीं ग्राम के लोगों के शौचालय गुणवत्ताहीन सामग्री के कारण सालभर में ही ज्यादातर शौचालय छतिग्रस्त होकर गिर चुके हैं कई शौचालयों में तो निर्माण से अब तक दरवाजे वॉसवेसन और सीट तक नहीं लगी है वहीं कुछ शौचालयों की दीवारें अधूरी पड़ी है तो कहीं छप्पर ही नहीं डाला गया और शौचालय का निर्माण पूरा हो गया और कागजों में
किसी के यहां रखी है लकड़ी तो कोई कबाड़
इस गांव में जिन हितग्राहियों ने स्वयं से शौचालय निर्माण कराया उनके निर्माण की गुणवत्ता ठीक है लेकिन जिनके शौचालय ग्राम पंचायत जामुन की एजेंसियों के माध्यम से बनवाएं है उनमें भारी अनियमितता बरती दिख रही है इसमें कहीं टंकी व पाइप टूटी हुई है तो कहीं सेप्टिक टैंक में ढक्कन ही नहीं लगा है कहीं नल नहीं है तो कहीं दरवाजा गायब है कई के घरों में शौचालय का उपयोग कबाड़ा जलाऊं लकड़ी व गोबर कड़े रखने के लिए उपयोग होते हैं यहां पर आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं
उपयोग से पहले ही टूट गए शौचालय
मामले में हितग्राहियों का कहना है कि संबंधित ठेकेदारों और सरपंच सचिव और रोजगार सचिव की कमीशन खोरी के चलते घटियातथा गुणवत्ताहीन कार्य कर आधा अधूरा काम किया गया है कई बार बोलने पर भी कार्य में सुधार नहीं किए उल्टे ग्राम पंचायत अधिकारियों के साथ मिलकर हमारी राशि भी निकाला ली गई अब स्थिति ऐसी है कि इतनी बड़ी राशि आवंटित होने के बावजूद वे खुले में जाने के लिए मजबूर हैं कई लोगों ने बताया कि उपयोग से पहले ही हमारे शौचालय टूट गए और कई जगह से छतिग्रस्त हो चुके हैं।

– अभिषेक रजक विशेष ब्यूरो जबलपुर

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