बरेली। चैत्र नवरात्र की शुरुआत नौ अप्रैल से होगी। इनमें पूरे नौ दिनों तक देवी मां की आराधना होगी है। हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। इसी दिन से हिंदू नव वर्ष भी शुरू होगा। चैत्र शुक्ल नवमी को रामनवमी के दिन नवरात्र का समापन हो जाएगा। इस बार माता रानी अश्व (घोड़े) पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर जाएंगी। ज्योतिषाचार्य विपिन शर्मा ने बताया कि आठ अप्रैल को रात 11:51 बजे प्रतिपदा लगेगी जो नौ अप्रैल को रात 8:29 बजे तक रहेगी। उदया तिथि की प्रधानता के मुताबिक नौ अप्रैल को ही नव संवत्सर और वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ होगा। आचार्य के अनुसार नवरात्र मे अश्व पर माता रानी के आगमन की वजह से प्राकृतिक आपदा की आशंका बनी रहती है। नवरात्र का समापन 17 अप्रैल को होगा। इस दिन माता रानी की विदाई हाथी पर होगी जो कि शुभ माना गया है। यह अच्छी बारिश, खुशहाली और तरक्की का संकेत देता है। नव संवत्सर के राजा मंगल और मंत्री शनि होने से यह वर्ष उथल-पुथल वाला रहेगा।
माता के घोड़े पर आना होता है अशुभ
शास्त्रों के अनुसार अगर नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो माता दुर्गा के इस वाहन को शुभ नहीं माना जाता है और मां दुर्गा के घोड़े पर सवार होकर आने से ऐसे संकेत मिलते हैं कि आने वाले समय में सत्ता में कुछ बदलाव होने वाला है। इसके अलावा युद्ध का भी सामना करना पड़ सकता है। वही मां दुर्गा के घोड़े पर सवार होकर आने से प्राकृतिक आपदा की भी संभावना बनती है।
घट स्थापना शुभ मुहूर्त
इस साल चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी। ये तिथि अगले दिन यानी 09 अप्रैल को शाम आठ बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि मान है, इसलिए नौ अप्रैल को घटस्थापना है। नौ अप्रैल को घटस्थापना समय सुबह छह बजकर दो मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है। इस समय में घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा, 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट के मध्य अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते है।।
बरेली से कपिल यादव