सुप्रीम कोर्ट की SBI को फटकार: राहुल ने कहा-खुलने वाली है ‘चंदे के धंधे’ की पोल

दिल्ली-  चुनावी बॉन्ड मामले से जुडी बड़ी खबर आ रही है। इस मामले में SBI के तरफ से दायर याचिका पर सोमवार यानी 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां, याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील हरीश साल्वे ने इस मामले की जानकारी देने के लिए सीजेआई से और वक्त मांगा था। जिसे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से खारिज कर दिया गया। इस पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरते हुए बड़ा हमला किया है। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के ‘चंदे के धंधे’ की पोल खुलने वाली है।राहुल ने एक्स पर लिखा कि 100 दिन में स्विस बैंक से काला धन लाने का वायदा कर सत्ता में आने वाली सरकार अपने ही बैंक का डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिर के बल खड़ी है। भाजपा सरकार का ये घोटाला भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है। जो भ्रष्ट उद्योगपतियों और सरकार के नेक्सस की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लेकर आएगा।राहुल गांधी ने आगे लिखा कि इलेक्टोरल बांड की क्रोनोलॉजी स्पष्ट है-चंदा दो-धंधा लो,चंदा दो-प्रोटेक्शन लो,चंदा देने वालों पर कृपा की बौछार और आम जनता पर टैक्स की मार,भाजपा की मोदी सरकार यही है।दरअसल सीनियर वकील हरीश साल्वे ने बताया कि कोर्ट ने SBI को बॉन्ड की खरीद की पूरी जानकारी खरीदारों के साथ-साथ बॉन्ड का मूल्य को कोर्ट के सामने पेश करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद SBI ने इसके लिए कोर्ट से 30 जून तक समय बढ़ाने के लिए याचिका डाली थी।कोर्ट में साल्वे ने कहा कि, “SBI की एकमात्र समस्या यह है कि वह पूरी प्रक्रिया को उलटने की कोशिश कर रहा है। एसओपी ने सुनिश्चित किया कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने SBI से कहा कि उसने अपने फैसले में बैंक से मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा है, बल्कि स्पष्ट खुलासा करने का निर्देश दिया है। इसलिए मिलान अभ्यास समय मांगने का बहाना उचित नहीं है, हमने आपको ऐसा करने का निर्देश दिया ही नहीं है।सीजेआई ने आगे SBI से सवाल किया कि वह कोर्ट के फैसले का अनुपालन क्यों नहीं कर रहे हैं। FAQ में ही दिखाया गया है कि हर खरीद के लिए एक अलग केवाईसी है। सभी विवरण सीलबंद लिफाफे में हैं और आपको बस उसे खोलकर अपने डोनर्स का विवरण देना है।बता दें इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है, जिसमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा जैसे बड़े नाम शामिल हैं।गौरतलब है कि, 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों से लेकर चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का पूरा विवरण आगामी 13 मार्च तक देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का आदेश दिया था। साथ ही, आयोग को भी आदेश दिया था कि वो अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करे। जिसके बाद एसबीआई ने इसके लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

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