बरेली। लॉकडाउन की वजह से देशभर में फंसे हुए मजदूरों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है। इसी क्रम में साबरमती से बारह सौ श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार को बरेली पहुंची। श्रमिक स्पेशल ट्रेन आपने निर्धारित समय से करीब 4 घंटे की देरी से बरेली स्टेशन पर आई। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस मुस्तैद रही। गुजरात राज्य का जिला अहमदाबाद के साबरमती रेलवे स्टेशन से बारह सौ मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन बरेली जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। ट्रेन के कई कोच खाली थे। ट्रेन के रुकते ही जंक्शन पर मौजूद मेडिकल की टीम सतर्क हो गई। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर एक-एक करके सभी श्रमिकों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उन्हें बस में बैठाकर उनके घरों को रवाना किया गया। घर से काम की तलाश मे बरेली जिले के कई मजदूर दूसरे प्रदेशों में गए थे। कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने देशभर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। लॉकडाउन के बाद से आवागमन बंद हो गया था। इसके चलते सभी मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसकर रह गए थे। हालांकि लॉकडाउन में सवारी न मिलने से कुछ मजदूर पैदल ही अपने घरों को चल दिए थे। इसके बाद भी काफी संख्या में श्रमिक अपने घरों को नहीं लौट पा रहे थे। इन्हें खाने-पीने में भी काफी परेशानी हो रही थी। श्रमिकों की इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने इन्हें उनके घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई। सोमवार को यह ट्रेन साबरमती रेलवे स्टेशन से बरेली के लिए चली थी।
भूखे प्यासे श्रमिकों ने पूरा किया सफर
गंजडुंडवारा के लेखराज और एटा के सुरेंद्र, सूरज, राजू ने बताया, अजमेर में सुबह को खाना दिया गया था। इसके बाद न कहीं पानी मिला। न ही कहीं भोजन। ट्रेन को पालनपुर, अबु रोड, अजमेर, जयपुर, बांदीकुई, भरतपुर, मथुरा, कासगंज रोकी गई थी। सात से आठ जगह रोका गया। कोच से किसी यात्री को नहीं उतरने दिया गया। अधिकतर श्रमिकों के साथ तीन साल से लेकर 10 साल तक के बच्चे थे। यह वह परिवार में थे, वहां ईंट भट्ठों पर काम करते थे। श्रमिकों का कहना है, जीवन में अब कभी अपना गांव छोड़कर दूसरे प्रदेश में नहीं जाएंगे। अपने यहां मजदूरी कर लेंगे। कम पैसों में अपना जीवन यापन करेंगे।
हर कदम पर रखी गई निगरानी
व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर रेवले मुरादाबाद डिवीजन के एडीआरएम, सीनियर डीसीएम, एसीएम समेत कई अधिकारी मुरादाबाद से भी बरेली आए थे। एडीजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एडीएम सिटी, आरपीएफ आईजी, सीओ जीआरपी, आरएम रोडवेज आदि अधिकारियों के नेतृत्व में 160 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी प्लेटफार्म और सर्कुलेटिंग एरिया में लगाई गई थी। जिससे एक-एक श्रमिक पर नजर रहे। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद बसों में बैठाया गया। खाना के पैकेट दिए गए। पीने के लिए पानी की बोतल दी गयी।
रेलवे ने वसूला 525 रुपए स्लीपर का किराया
बरेली में मंगलवार को जो श्रमिक स्पेशल ट्रेन आई है। एलएचबी कोच वाली ट्रेन है। जिसमें स्लीपर कोच लगे हुए हैं। 22 कोच वाली इस ट्रेन में 1216 श्रमिकों की लिस्ट रेलवे के द्वारा बरेली जंक्शन प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई थी। जब श्रमिक यहां पर उतरे तो उन्होंने अपने टिकट भी दिखाएं। श्रमिकों का कहना था कि इस मुसीबत की घड़ी में उनसे रेलवे ने किराया वसूल लिया। एक तो वैसे ही लॉकडाउन के चलते एक-एक रुपए को मोहताज हैं। दूसरे रेलवे ने यात्रियों से जनरल का छोड़ स्लीपर टिकट बनाया 525 रुपए लिया।।
बरेली से कपिल यादव