सरकार और कितना परेशान करेंगे सम्पर्क पोर्टलो के बहाने आमजन को

बाड़मेर/राजस्थान- राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का जिला मुख्यालय पर अधिकारियों द्वारा दिन प्रतिदिन बढ़ती आमजन की शिकायतों का निस्तारण नहीं करने पर बेबसी ओर लाचार फरियादियों द्वारा राजधानी सहित मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी शिकायतों को पहुंचाने के लिए बाकायदा अपनी शिकायतों को दर्ज करवा कर राहत महसूस करते हैं लेकिन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उन शिकायतों का निपटारा कैसे किया जाता है एक बार जरूर पढ़ें, सरकारी अधिकारियों द्वारा पहले तो सम्बंधित विभाग में भेजने के बहाने अलग अलग विभागों में भेजा जाता है ताकि फरियाद करने वाले और परेशान होते रहे आखिरकार अधिकारी भी कार्यवाही करने से ज्यादा उन्हें बन्द कर शिकायतों को जानबूझकर बंद किया जाता है ताकि उनकी उच्च अधिकारियों के अनुसार पेंडेंसी नहीं हो, कोई कोई अधिकारी तो इनसे परहेज करते हैं जैसे मरीज दवाईयों को खाने से।

बात करते हैं बाड़मेर शहर के नजदीक इन्द्रा कालोनी में खातेदारों ने उपखंड अधिकारी कार्यालय से स्टे होने के बावजूद भूमाफियाओं से साठगांठ करते हुए कालोनी काटने के साथ ही दलालों से मिलकर भौले भाले गरीब लोगों को लूटने की योजना बनाई और यही पर तीस फिट की मार्ग पर ग्रेवाल सड़क बनाकर आगे तीन चार फिट इन्टो की कामचलाऊ दीवार बनाकर लोगों का रास्ता अवरूद्ध कर दिया था इसको हटाने के लिए अधिकारियों सहित सम्पर्क पोर्टल पर भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जगह शिकायत ही पूरे राज्य में इधर उधर भटक रही है, बहुत शानदार जैसे वन्दे भारत रेलगाड़ियों की तरह।

राज्य के मुखिया अशोक गहलोत सरकार दूर दराज के इलाकों में बसे हुए लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को देखते हुए उनकी समस्याओं को सुनने के लिए बाकायदा सैकड़ों सरकारी योजनाओं को लागू करतीं हैं तो फिर अड़ंगा डालने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं करती है। सम्पर्क पोर्टलों पर दर्ज कराने वाली शिकायतों पर सरकारी आंकड़ों में ही निस्तारण किया जाता है ताकि उनकी कार्यशैली पर सरकार प्रशंसा करें लेकिन असलियत में कोई भी अधिकारी ओर कर्मचारी इस शिकायतों पर कोई समाधान नहीं करता है।

राजस्थान सम्पर्क पोर्टल सरकार व प्रदेश के आमजनों के बीच एक ऐसा सरल व सुगम माध्यम है । जिसके द्वारा आमजन सरकार से संबंधित अपनी किसी भी परेशानी या समस्या के बारे में बेझिझक सरकार को बता सकते हैं। इससे न सिर्फ आमजन को उनकी परेशानियों का समाधान मिलता है साथ ही इससे सरकार की आमजन के प्रति संवेदनशीलता का भी परिचय मिलता है।

राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर आमजन घर बैठे ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों एवं ज़िला स्तर पर राजस्थान सम्पर्क केन्द्रों की स्थापना भी की गई है। ई-मित्र कियोस्क पर भी आमजन अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं।

समस्या समाधान को और आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन 181 भी शुरू की गई है। इस हेल्पलाइन पर सरकारी कामकाज से जुड़ी समस्या बताकर समाधान करवाया जा सकता है।दर्ज शिकायतों के निस्तारण की जानकारी फोन कॉल पर देने के साथ ही पोर्टल पर भी फीडबैक की व्यवस्था की गई है।

ग्राम पंचायतों, तहसील, उपखंड ओर जिला मुख्यालय सहित संभागीय, मुख्यमंत्री कार्यालय ओर समय-समय पर सरकार द्वारा मंत्रीयो संत्री की बैठक ओर सुनवाइयों में सैंकड़ों लोगों के आवेदन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के कम्प्यूटर में धूल फांक रही है।कई शिकायतों को एक दशक बाद भी वही ढाक के तीन पात ….

सरकार द्वारा इस योजना मे सुधार करने के लिए सबसे पहले अपने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ग़लत जानकारी देते हैं तो उनकी तनख्वाह काटकर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाने पर ही माहौल सुधारने की बात होगी अन्यथा नहीं।विभिन्न प्रकार के सरकारी कार्यालयों में हमेशा दर्ज कराने वाली शिकायतों का आंकड़ा देखने के बाद निस्तारण करने की गति को देखकर अंदाजा लगा सकते हों की आमजन को राहत कैसे मिलेगी।

– राजस्थान से राजूचारण

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