बरेली- बरेली गंगा जमुना तहजीब के नाम से जाना जाता है बरेली की धरती पर सभी धर्म के लोगों का सम्मान किया जाता है जहां इसे नाथ नगरी व बरेली शरीफ के नाम से पहचाना जाता है ।यहां की धरती पर मुस्लिम समाज के बड़े धर्मगुरु गुजरे हैं जिसमें शराफत मियां का मजा़र भी हैं शराफत मियां के पुत्र सकलैन मियां ने शराफत मियां की गद्दी संभाली । सामाजिक कार्य मुस्लिम बच्चियों की शादियां की इमदाद गरीबों के लिए लंगर का इंतजाम इनके मजा़र पर रहता था इनके चाहने वालों की संख्या देश-विदेश तक हैं पीर फकीरी लिबास में समाज की सेवा करना ही इनका एक मात्र उद्देश्य था जब लोगों को इनके दुनिया से रुखसत होने की खबर पता चली तो लोगों की भीड़ बरेली में अपने पीर का आखरी दीदार करने के लिए आ गई। भारी भीड़ को देखकर नमाजे़ जनाजे़ का इस्लामिया मैदान में इंतजाम करना पड़ा ।लाखों लोगों ने नमाजे़ जनाजे़ पढ़कर मुल्क की शांति अमन के लिए दुआ कायम की। लाखों में आई भीड़ शांतिपूर्ण ढंग से अपने घरों को चली गई अपने पीर की यादें लेकर।
– बरेली से तकी रज़ा