श्रीमद्भागवत कथा का हुआ विश्राम, कल भंडारे के साथ होगा विराम

बरेली-  बरेली के नेकपुर स्थित सुविख्यात ललिता देवी मंदिर में चल रही कथा में वृंदावन से पधारे कथाव्यास श्री कविचंद्र दास ने बताया कि लक्ष्मी को घर में मां, बहन या बेटी के रूप में रखना चाहिए! कभी भी उसको अपनी भोग्या बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए! अन्य स्थानों में लक्ष्मी चंचल रहती है, बस नारायण के चरणों में वो स्थिर रहती है! इसलिए लक्ष्मी को सदा नारायण की सेवा में लगाते रहना चाहिए! लक्ष्मी जी को गणेश जी के साथ पूजा जाता है क्योंकि गणेश जी बुद्धि के देवता है! बुद्धिहीन व्यक्ति की लक्ष्मी का व्यय अनर्गल कार्यों में होता है, जबकि बुद्धिमान व्यक्ति उसे सत्कार्यों में खर्च करता है!…

कथाव्यास ने धन प्राप्ति के १५ अचूक उपाय बताए! श्रीकृष्ण के १६१०८ विवाहों की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भगवान हैं और अपनी भगवत्ता स्थापित करने हेतु वो कुछ अतिमानवीय कार्य कर जाते हैं!…सुदामा चरित्र सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भजन करने हेतु गरीबी आती है और दान करने हेतु अमीरी आती है! गरीब होकर यदि कोई भजन नहीं करता और अमीर होकर यदि दान नहीं करता, तो ऐसे व्यक्ति के गले में एक बड़ा पत्थर बांधकर उसे गंगाजी में डुबो देना चाहिए!…इसी सत्र के साथ कथा का विराम हो गया! कल २१ तारीख को यज्ञ व भंडारा होगा।

– बरेली से सचिन श्याम भारतीय

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