मुजफ्फरनगर/खतौली- शुगर मिल से निकली राख को इधर-उधर डालने से लोग लगातार उसमें झुलसकर घायल हो रहे हैं। दूध देने के लिए डेरी पर गया किशोर वापस लौटते समय लघुशंका करते वक्त सड़क किनारे डाली गई राख में झुलसकर घायल हो गया।
स्थानीय चीनी मिल से निकलने वाली राख लगातार लोगों की जान की दुश्मन बन रही है। मीरापुर रोड स्थित गणेश विहार कॉलोनी में रहने वाले सत्येंद्र तोमर का तकरीबन 15 वर्षीय पुत्र उमंग तोमर गांव याहियापुर स्थित डेरी पर दूध देने के लिए गया था। शाम के वक्त डेरी पर दूध डालने के बाद जब वह वापस लौट रहा था तो रास्ते में लघु शंका का दबाव होने पर वह सड़क किनारे लघु शंका से निवृत होने लगा।
मौके पर शुगर मिल द्वारा गर्म राख डाली गई थी। वातावरण में अंधेरा होने की वजह से किशोर को वहां पर राख डालने का पता नहीं चल सका।जैसे ही वह लघु शंका करने के लिए सड़क से नीचे उतरा वैसे ही उसका पैर वहां पर डाली गई राख में चला गया। राख में पैर गिरते ही वह बुरी तरह से झुलस गया।किशोर को चीखते चिल्लाते देखकर राहगीर मौके पर पहुंचे और उन्होंने उमंग को बाहर निकाला। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे और गर्म राख में झुलसे किशोर को उठाकर तत्काल गांव गंगदासपुर ले गए। जहां चिकित्सक ने किशोर की मरहम पट्टी करने के बाद उसे घर भेज दिया।
उल्लेखनीय है कि शुगर मिल से रोजाना भारी मात्रा में गर्म राख निकलती है। जिसे किसी एक निश्चित स्थान की बजाय इधर-उधर डालकर शुगर मिल द्वारा अपना पीछा छुड़ा लिया जाता है। सड़क किनारे डाली गई राख में झुलसकर लोग घायल हो जाते हैं। उद्योगपति होने की वजह से कोई भी शुगर मिल की शिकायत नहीं कर पाता है, जिसके चलते चीनी मिल प्रबंधन के हौसले बुलंद है और वह झुलसने से लोगों के घायल होने को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। शुगर मिल द्वारा इधर-उधर राख एवं चीनी मिल से निकली मैली को इधर-उधर डालने के मामले उन हालातों में हो रहे हैं, जब एनजीटी द्वारा पर्यावरण प्रदूषण पर कड़ी निगाह रखी जा रही है लेकिन शुगर मिल को शायद एनजीटी की भी कोई परवाह नहीं है। जिसके चलते चीनी मिल प्रबंधन लगातार लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में लगा हुआ है।