शिक्षक काव्य संगोष्ठी: प्रकृति विनाश के लिए खुद जिम्मेदार है मनुष्य

बरेली। बेसिक शिक्षा के शिक्षकों द्वारा नवीन प्रयोग के रूप में अखिल राज्य ऑनलाइन काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे प्रदेश भर के रचनाकारों में चुने हुए तीस प्रतिभागियों को ऑनलाइन कविता पाठ द्वारा परवाज का आगाज हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक बेसिक शिक्षा एससीईआरटी सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह के आशीष वचनों से हुआ।सहायक निदेशक अब्दुल मुबीन के निर्देशन में कार्यक्रम अपनी उत्कृष्टता पाने में सफल रहा। ढाई घण्टे के एपिसोड में प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से कुल तीस शिक्षक कवियों ने कविता पाठ किया। इसमें बरेली जनपद में कार्यरत बदायूं निवासी शिक्षिका दीप्ति सक्सेना ने मनुष्य द्वारा प्रकृति के विनाश से उपजी स्थिति के प्रति चेताते हुए अपनी कविता जैसी करनी वैसी भरनी का काव्य पाठ किया। बरेली मण्डल से चुनी गयीं वे एकमात्र शिक्षिका हैं। बांदा की कवियत्री प्रियंका त्रिपाठी तरंग ने गजल वो तूफां में वादे सबा ढूंढता है, वफाओं का जो सिलसिला ढूंढता है’ सुनाकर समां बांध दिया। सीतापुर से मो0 शाकिर अली, गोरखपुर से निशा राॅय, लखनऊ से क्षमा दुबे, अयोध्या से अंजनी कुमार शेष, जालौन से राजकुमार शर्मा, देवरिया से उमाशंकर द्विवेदी, श्रावस्ती से कनकलता कनौजिया आदि शिक्षक कवियों ने अपनी मनोहर रचनाए प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ रेणु सिंह, जनार्दन पांडेय, अदील मंसूरी, दीनबन्धु त्रिपाठी, मृदुला त्रिपाठी एवं अखिलेश सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।।

बरेली से कपिल यादव

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