बरेली। शहर बढ़ रहा है। आबादी बढ़ रही है और सड़क पर वाहनों की संख्या भी। इन सबके बावजूद न तो सुचारू यातायात संचालन के लिए स्थाई व्यवस्था विकसित हो सकी और न जाम से निपटने के विकल्प। नतीजा जाम, परेशानी की शक्ल में आमजन झेल रहे है। आपको बता दें कि शहर के मुख्य चौराहे कुतुबखाने पर आखिर कब तक जाम से निजात मिलेगी। चंद मिनट के सफर में घंटो लग जाते हैं। ट्रैफिक कंट्रोल को लगाए जाने वाले पुलिस कर्मी मोबाइल की स्क्रीन देखने में व्यस्त रहते हैं। चारों तरफ से आने वाले राहगीर चौराहे पर पहुंचकर जाम में फंस जाते हैं। वह खुद ही अपनी सूझबूझ से जाम से निकलने के लिए हुज्जत करते हैं। पुलिस कर्मियों का ध्यान तो मोबाइल पर आकर्षित रहता है। जिससे जाम के झाम से लोगों को राहत मिलती नहीं देखी जा रही है। शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले कुतुबखाने चौराहे से हर दिन हजारों की तादात में वाहन व रहागीर गुजरते हैं। ट्रैफिक की व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। ट्रैफिक कंट्रोल करने की वजह वे साइड में खड़े होकर मोबाइल मे व्यस्त हो जाते हैं। जिस कारण जाम की स्थिति बन जाती है। जिससे चंद मिनट के सफर के लिये रहागीरों को घंटों लग जाते है। कुतुबखाना चौराहें पर जाम मे फंसे बहुत कम लोगो के मुंह पर ही मास्क होता है। वहीं भीड़भाड़ में शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं हो पाता है। ऐसे में जमकर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शहर के कुतुबखाना, बड़ा बाजार, जिला अस्पताल, रोडवेज बस स्टैंड, अय्यूब खां चौराहा पर दिन भर भीड़ रहती है। ऐसे भीड़भाड़ वाले इलाके में लोग कोरोना गाइडलाइन को ताख पर रखकर बेखौफ घूम रहे हैं।।
बरेली से कपिल यादव