बरेली। शहर की सड़कों पर प्रतिदिन ई-रिक्शा के कारण जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। ई-रिक्शा चालक ट्राफिक नियमों का पालन नही करते हैं। सवारी चढ़ाने के लिए कही भी ब्रेक लगा देते है। इस कारण उनके पीछे चल रहे यात्री हादसे का शिकार हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई नाबालिक बच्चे भी शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाते देखे जा रहे है। शहर मे जनता को जाम के झाम से राहत देने के लिए जनप्रतिनिधियों की पहल के बाद तमाम फ्लाईओवर का निर्माण करवा दिया गया है। ई-रिक्शों की हर दिन बढ़ती संख्या के चलते दस हजार से ऊपर पहुंच गई है। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने आटो रूट निर्धारित कर कलर कोडिंग के निर्देश परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को दिए थे। कमिश्नर के आदेश के बाद भी जिम्मेदार अफसरों ने अभी तक न तो रूट निर्धारित कराने का पालन किया है और न ही कलर कोडिंग के आदेश का पालन ही हो पा रहा है जिससे हर दिन हर चौराहों से लेकर गली मोहल्लों तक मे ई रिक्शा वाले जाम लगाते देखे जा रहे है। कलेक्ट्रेट गेट के सामने हर दिन प्रशासनिक और न्यायिक अफसरों की गाड़ियों के आने जाने का सिलसिला रहता है। इसी बीच सवारियों के इंतजार में खड़े चालक आड़ा तिरछा लगाकर सवारियां भरते देखे जाते है जिससे अफसरों की गाड़ियां भी जाम में फंस जाती है। सुरक्षा कर्मियों के डांटने के बाद चालक साइड मे ई रिक्शा को कर इसके बाद ही अफसरों की वाहन निकलते है। यही हाल कचहरी चौराहे का है। यहां भी ई रिक्शा चालक खड़े होकर सवारियां भरते नजर आते है जिससे जाम लगा रहता है। शहर के नाबल्टी चौराहे, सेटेलाइट चौराहे, पुराना रोडवेज, सिकलापुर चौराहा, शहामतगंज चौराहा, कोहाड़ापीर चौराहा, किला फाटक, चौराहों पर ई रिक्शा वालों का सुबह दस बजे से देर शाम तक फर्राटा भरते देखे जाते है। जिससे हर दिन प्रमुख चौराहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। बीच चौराहे पर सवारियां बैठाने और उतारने के चलते कभी कभी पीछे चल रहे वाहन सवारों और ई रिक्शा चालकों से कहासुनी होती देखी जा सकती है।।
बरेली से कपिल यादव