शाहजहाँपुर /लखनऊ- कल राजधानी में ऑटो पलटने से दरोगा इंद्रेश राजपूत की मौत हो गई थी। शाहजहाँपुर थाना सदर बाजार की कचहरी चौकी के प्रभारी रहने के दौरान पुलिस और वकीलों के बीच 36 का आंकड़ा होते भी वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के चहेते बने रहे पूर्व कप्तान केवी सिंह ने इंद्रेश की काबिलियत देखते हुए उन्हें रोज़ा की अति संवेदनशील लोधीपुर का प्रभारी बनाया तो यहां जरायम में लिप्त तीरंदाजों के होश उड़ गए स्वभाव से विनम्र लेकिन अपराधियो की कमर तोड़ कर क्षेत्र से पलायन पर मजबूर कर दिया लगभग नौ माह के रोज़ा कार्यकाल में इंद्रेश ने चैन स्नेचरों बाइक लुटेरों चोरो व राहजनी करने वालो को अपने क्षेत्र में कभी घुसने नही दिया 14 मई को एक विवेचना में लखनऊ जाने के लिए अपने प्रभारी निरीक्षक जसबीर सिंह से अनुमति मांगी पहले तो थानेदारों के कम होने का हवाला देते हुए उन्हें लखनऊ जाने से रोका लेकिन कुदरत को तो कुछ और ही खेल खेलना था इंद्रेश के दोबारा कहने पर उन्हें अनुमति इस आधार पर दे दी गई कि शाम तक वापस आ जाना शाम तक इंद्रेश तो रोज़ा नही लौटे लेकिन उनकी मौत की सूचना ने रोज़ा ही नही बल्कि शाहजनपुर पुलिस को सकते में डाल दिया आनन फानन में एसआई आर के आदिम की अगुवाई में पुलिस की टीम लखनऊ भेजी गई है।
-देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा