लेखपाल हत्याकांड: चार लाख रुपयों की खातिर लेखपाल की हत्या की पुष्टि, दो आरोपी गए जेल

बरेली। सोमवार को लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड का पुलिस लाइन सभागार मे एसएसपी ने खुलासा कर दिया। पीपीटी के जरिये स्क्रीन लगाकर हत्याकांड से जुड़े साक्ष्य पेश किए गए। इसमें हत्यारोपी ओमवीर व उसके मामा नन्हे के बीच वार्ता की रिकार्डिंग अहम सबूत के रूप मे पेश की गई। खुलासे पर उठ रहे सवालों पर एसएसपी ने कहा कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी से अगर कुछ और जानकारी सामने आएगी तो पुलिस उसे भी साझा करेगी। आर्थिक तंगी से जूझ रहे अवधेश ने प्लानिंग के बाद चार लाख की फिरौती के लिए लेखपाल का अपहरण और हत्या की थी। जांच में इसके साक्ष्य सामने आने के बाद सोमवार को अवधेश समेत दो आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया। दो अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं। प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी एसएसपी अनुराग आर्य ने दी। उन्होंने बताया कि लेखपाल के शव की पुष्टि के लिए डीएनए जांच भी कराई जाएगी। फरीदपुर तहसील में तैनात बहेड़ी के मोहल्ला कानूनगोयान निवासी लेखपाल मनीष कश्यप 27 नवंबर को ड्यूटी आने के बाद लापता हो गए थे। उनकी मां मोरकली ने दो दिसंबर को थाना फरीदपुर में अपहरण की रिपोर्ट लिखाई थी। इसकी विवेचना इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी कर रहे थे। सोमवार को पुलिस ने लेखपाल के परिचित फरीदपुर के गांव कपूरपुर निवासी अवधेश उर्फ ओमवीर कश्यप और उसके रिश्ते के मामा फतेहगंज पूर्वी के गांव नगरिया कला निवासी नन्हें को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया था। प्रेसवार्ता के दौरान एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि इस मामले में आरोपियों के अवधेश का साला फतेहगंज पूर्वी के गांव बाकरगंज निवासी सूरज और उसकी पत्नी का मामा अलीगंज के गांव चुरा नवदिया का नेत्रपाल अभी फरार हैं। उनकी तलाश में टीमें लगी हुई है। एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि कॉल रिकार्डिंग, लोकेशन व बैंक खातों की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्य आरोपी ओमवीर बेहद तंगी से जूझ रहा था। मामा नन्हे झाड़फूंक करता था और खुद पर किसी जिन्न का साया बताता था। उसने अपने जिन्न से बात होने का जिक्र कर अभी खतरा बताया।।

बरेली से कपिल यादव

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