आजमगढ़- जनपद में राज्य आवासीय विश्वविद्यालय की मांग एक बार पुनः राजभवन पहुंची। भाजपा नेता और मिशन हास्पिटल के निर्देशक डा अशोक सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्यपाल रामनाइक से मिलकर राज्य आवासीय विवि की स्थापना के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा।
विश्वविद्यालय अभियान के संरक्षक डा वेद प्रकाश उपाध्याय व जिला संयोजक विजेंद्र सिंह को दूरभाष पर जानकारी देते हुए डा अशोक सिंह ने बताया कि राज्यपाल महोदय से बहुत ही सकारात्मक वार्ता हुई। जनपद में एक विश्वविद्यालय न होने के कारण यहाँ के पिछड़े, अतिपिछड़े, दलित व निर्धन प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की शिक्षा संबंधी समस्याओं से अवगत होने पर राज्यपाल महोदय ने आज़मगढ़ में राज्य आवासीय विवि की स्थापना की दिशा में पहल करने का आश्वाशन दिया। डा सिंह ने महामहिम को जनपद में लगातार बढ़ रही महाविद्यालयों की संख्या और उनकी समस्याओं से भी अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि आज़मगढ़ में पिछले 40 वर्षों से लगातार एक राज्य आवासीय विवि की स्थापना की मांग उठती रही है। विगत दशकों में अनेक ऐसे अवसर आये जब यहाँ के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते आज़मगढ़ में एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की बात बनते बनते बिगड़ गई। आज़मगढ़ में विश्वविद्यालय की मांग सर्वप्रथम 13 अप्रैल 1978 को स्व रामनरेश यादव के सम्मुख उठी। गोरखपुर विवि पर अतिभार के कारण एक अन्य विवि बनाने का केबिनेट से प्रस्ताव भी हुआ किन्तु पर्याप्त राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में यह विवि आज़मगढ़ नहीं आ सका। बाद में जब स्व वीर बहादुर सिंह सूबे के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने जौनपुर से अपने लगाव के कारण जौनपुर में स्वीकृति प्रदान कर दी। 1995 में जब मुलायम सिंह यादव ने आज़मगढ़ को मण्डल घोषित किया तब भी एक विवि देने की मांग प्रबुद्धजनों ने की किन्तु जनपद के किसी जनप्रतिनिधि के रुचि न लेने के चलते यह मांग परवान नहीं चढ़ी। 2003 में जब मुलायम सिंह यादव दुबारा मुख्यमंत्री बने तब एक बार पुनः विवि की मांग उठी किन्तु जनपद के किसी जनप्रतिनिधि के रुचि नही लिया। मुलायम सिंह यादव के सांसद बनने के साथ ही जनपद में यह बहुप्रतिक्षित मांग पुनः उठी, 2015 में सठियांव चीनी मिल के शिलान्यास हेतु उनके आगमन पर सूचना जन सम्पर्क विभाग के विज्ञापन में जनपद में विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा अंकित भी थी किन्तु मंच से घोषणा नहीं की गई। 2016 में जब शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाया। 14 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदुरी आगमन पर जनपदवासियों को पूरी उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री जनपद को एक राज्य आवासीय विवि की सौगात देंगे किन्तु जनपद वासियों को निराशा हाथ लगी। सम्प्रति राज्य विवि की मांग को लेकर पूरा जनपद पिछले तीन वर्षों से आंदोलित है। राज्यपाल से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता नरेंद्र सिंह एडवोकेट सम्मिलित रहे।
हर्ष व्यक्त करने वालों में डा जिम्मी, बिजेन्द्र सिंह, डा प्रवेश सिंह, डा इन्द्रजीत, ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, डा वीरेन्द्र दूबे, डा जहुर आलम, डा इब्राहिम, डा फेजान, डा धीरज श्रीवास्तव, डा राजीव त्रिपाठी, डा इरफान अहमद, डा माजिद जाहिद, डा मिर्जा अहमद बेग, डा शाहिद, खान, डा मानिद खान, साहब खान आदि शामिल रहे।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़