राजस्थान की पहचान बना मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान: मुख्यमंत्री राजे

सिरोही/राजस्थान – मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान ( एमजेएसए) के चतुर्थ चरण के जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभांरभ पंचायत समिति सिरोही की ग्राम पंचायत उड के ग्राम मंडवाडा में कर्णेश्वर महादेव नाड़ी ‘भावगीरी नाड़ी की खुदाई कार्य’ गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी के मुख्य अतिथ्यि में किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि जल प्रबंधन में राजस्थान की पहचान मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर शुरू किया गया मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान पिछले 3 चरणों की सफलता के बाद अपने चौथे चरण तक आ पहुंचा है। इस अभियान में बारिश का पानी एकत्र करने के लिए प्रदेश में 12 हजार से ज्यादा गांवों व समस्त 191 शहरों में लगभग 4 लाख ढांचे बनाए गए हैं। पुराने ढाचों की भी मरम्मत की गई है और 1.5 करोड़ पौधरोपण किया गया। अभियान से जुड़े गांवों में अब पीने के लिए, खेती के लिए और पशुओं के लिए पानी उपलब्ध होने लगा है। साथ ही इस अभियान के शुरू होने से प्रदेश में जो जल स्तर नीचे जा रहा था, वह अब बढ़ा है।

जिला कलेक्टर अनुपमा जोरवाल ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान चतुर्थ चरण के शुभांरभ में जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी एवं ग्रामीणों की सहभागिता के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मुख्यमंत्री के इस महत्वपूर्ण अभियान के चतुर्थ चरण को भी हमें तन, मन, धन से सहयोग कर सफल बनाना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में नीति आयोग के आंकलन के अनुसार जल प्रबंधन सुधारों में राजस्थान प्रथम रहा है।
जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव व उपवन संरक्षक संग्राम सिंह कटियार ने कहा कि जल है तो जीवन है, जल की महत्ता को समझें और इसके संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों में अपना योगदान देकर चतुर्थ चरण को सफल बनाने में अपनी सहभागिता निभाएं।
जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस अभिवन अभियान की शुरुआत बहुत सार्थक सिद्ध हुई है। इस अभियान के तीन चरणों में जो कार्य जल संरक्षण हितार्थ किए गए हैं। उनका लाभ अब आमजन को मिल रहा है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी शुभम चौधरी ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की महत्ता बताते हुए कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पुराने जलस्रोतों के जीर्णोद्धार के साथ-साथ नए स्रोतों का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में योगदान दें और जल की महत्ता को समझें।

पत्रकार – दिनेश लूणिया सादड़ी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *