राजनीति कर रहा मुस्लिम पर्सनल बोर्ड, मुसलमानों को न्यायालय पर भरोसा- मौलाना शहाबुद्दीन

बरेली। शनिवार को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड राजनीति कर रहा है। वह कह रहे है कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा नही है। सुन्नी, सूफी मुसलमानों का मानना है कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के गठन का मकसद शरीयत के वसूलों की रक्षा करना और मुसलमानों के धार्मिक मसले हल करना था। मगर बोर्ड अपने असल मकसद से भटक गया है। मुसलमानों की शरई नुमाइंदगी करने के बजाय राजनीतिक मामलों मे ज्यादा दिलचस्पी लेने लगा है। मौलाना ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर समझौता नही किया जा सकता मगर भारत के मुसलमानों को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। हमे इंसाफ मिलेगा। देश के मुसलमान बोर्ड के बयान से सहमत नही है। बोर्ड के लोग जिम्मेदार और विद्वान है, उनको भरोसा तोड़ने वाली बात नही कहना चाहिए। बोर्ड को वाराणसी की जिला अदालत, इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मे बड़े वकीलों का पैनल खड़ा करके ज्ञानवापी मस्जिद के पक्ष सबूत व दलीलें पेश करना चाहिए था मगर ऐसा नही किया। मौलाना ने कहा कि जिस स्थापना के दिन से लेकर आज तक एक ही विचारधारा के लोगों का बोर्ड पर कब्जा रहा। जबकि बोर्ड के संविधान मे ये लिखा हुआ है कि हर विचारधारा के व्यक्तियों को नुमाइंदगी दी जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ। भारत में मुसलमानों की कुल आबादी में 70 फीसदी सुन्नी सूफी बरेलवी मुसलमानों की आबादी है। ये 70 फीसदी आबादी बोर्ड पर भरोसा नही करती और न ही बोर्ड इनका नुमाइंदा है।।

बरेली से कपिल यादव

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