बाड़मेर/राजस्थान- बारिश के साथ ही भयंकर तूफान आने की संभावनाओं को लेकर आज-कल सरहदी इलाकों के किसानों को बादलों के भरे हुए हैं या फिर ख़ाली हैं,इस बारे में जगह जगह पर गांव ग्वाड़ की चौपालों पर बारिश से ज्यादा तूफान की चर्चा करते हुए देखा जा सकता है। कोई खेत खलिहान से सूंड़ करके आया है तो कोई जाजम पर बैठकर चिलम पीते हुए भगवान इन्द्र से प्रार्थना करता हुआ गा रहा है बरस बरस म्हारा इन्द्र राजा…
बुजुर्ग कहते हैं कि भगवान के घर में देर जरूर है लेकिन अंधेर नहीं है, आखातीज के सुगनो के अनुसार इस बार ज़ोरदार बारिश होने के साथ ही जमाने की संभावनाएं है। लेकिन आजकल मौसम विभाग के अधिकारियों द्वारा तकनीकी साधनों से भी ज्यादा जानकारी मिल रही है की आजकल में कहीं कहीं पर जोरदार तूफान के साथ ही बारिश होगी परन्तु होगा क्या आगे तो फिर भगवान जाणै।
पिछले साल आई बाढ़ के हालात देख चुके पश्चिमी राजस्थान में इस बार मानसून भी जमकर झमाझम होगा। मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो इस बार मानसून से आपके आसपास के कुछ इलाके जलमग्न हो सकते हैं। अभी जो आने वाले भयंकर तूफान के कयास बन रहा है वह यही संकेत दे रहा है कि मानसून 15 जून के असपास राजस्थान में प्रवेश करेगा। पिछले साल 2 जुलाई को राजस्थान में प्रवेश करने के बावजूद सामान्य से 41 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई थी। पिछले दो-तीन दिनों से बाड़मेर जिले में आंधियों के साथ में बारिश होने से गर्मी में तापमान का भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला है।
राजस्थान का मानसून इस बार किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आने वाला है। अक्षय तृतीया को भी सुगन देखने वाले जानकर बाबूलाल शर्मा ने बताया था कि पिछले साल के मुकाबले इस बार अच्छी बरसात के संकेत मिल रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सामान्य से कई प्रतिशत ज्यादा बरसात दर्ज होगी। मानसूनी हवाओं का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे गर्मी का असर कम होगा, लेकिन उमस बढ़ सकती है।
मौसम विभाग ने खुलासा किया है कि तूफान की हवा के चलते पिछले ढाई दिन से वाहनों का शोर थमने से और वातावरण शुद्ध भी हुआ और प्रदूषण के आंकड़ों में कमी दर्ज की गई। लेकिन इसका मानसून पर कोई असर नहीं पडे़गा। अभी भी जो बारिश या अंधड़ के साथ में तूफान आ रहा है, वह पश्चिमी विक्षोभ का असर है ना कि वातावरण शुद्ध होने का।
जसपाल सिंह डाभी ने बताया कि बुजुर्गो से सुना था कि वर्षा का मौसम पहले ही चौमासा हुआ करता था। उस दौरान चार माह तक जमकर बारिश होती थी। लेकिन अब चौमासा लोगों की जुबान पर भी नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है मानसून चक्र में लगातार बदलाव और कई बार देरी से आना। कई बार सूखा पड़ने का असर भी इस चक्र को बदलता रहता है लेकिन तूफान के आने से पहले ही लोगों में भय व्याप्त हो गया है बाड़मेर जिले में लोगों का कितना विनाश करेगा यह कहना बहुत मुश्किल है।
मानसून में देरी का दौर बड़ा लम्बा है। बताया जा रहा है कि पिछले 50 साल से मानसून अक्सर देरी से आ रहा है। मौसम विज्ञान विभाग ने पिछले 50 साल के मानसून का आंकलन किया है तो पता चला कि यदि मानसूून देरी से आता है तो जाता भी देरी से है। हालाकि कई बार देरी से जाने के बावजूद कम बारिश दर्ज की गई। लेकिन इस बार पहले आकर तूफान के आने की सम्भावना है लेकिन रेगिस्तानी इलाके में पहली बार ऐसा लगता है कि टेलीविजन की खबरें देखकर लगता है कि सरहदों पर भारी तबाही का सैलाब आयेगा।
मौसम विभाग के अनसार पिछले साल जुलाई में बरसात नहीं होने के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 जुलाई को कई विभागों की बैठक ली थी। उस दौरान मौसम विभाग ने सरकार की चिंता मिटाते हुए अच्छी बरसात के संकेत दिए थे और अगले ही दिन प्रदेश में झमाझम का दौर शुरू हो गया था।यह खुलासा करना भी जरूरी है कि प्री मानसून की बारिश 31 मई तक ही होती है। मौसम विभाग के अनुसार एक मार्च से 31 मई के बीच ही प्री मानसून की बारिश होती है। लेकिन जब कभी जून के दौरान मानसून कमजोर रहता है और छुटपुट बारिश ही दर्ज होती है तो उसे भी प्री मानसून मान लिया जाता है, जबकि यह सही नहीं है।
मानसूून को लेकर बन रहे वर्तमान सिस्टम को देखते हुए कहा जा सकता है कि राजस्थान में मानसून 15 जून के आसपास आ सकता है। राज्य में जमकर बारिश होगी और पिछले साल की तरह ही कुछ जगहों पर तूफानी बारिशों के साथ ही बाढ़ के हालात भी बन सकते हैं।
बाड़मेर विधायक मेवा राम जैन ने बाड़मेर जिले के आम जन से अपील करते हुए कहा कि आगामी दो दिवसों में तूफान के साथ ही भारी वर्षा को लेकर मौसम विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। जिसे देखते हुए आमजन अत्यावश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें। भारी बारिश के दौरान घर से बाहर न निकले तथा सावधानियां बरतें जिससे किसी प्रकार की जन हानि न हो । आमजन बहती नदियों, नालों, रपटों और जलभराव वाले स्थानों से दूर रहे तथा संयम बनाये रखें व विचलित ना हो और उन्होने कहा कि जिला प्रशासन किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है।
– राजस्थान से राजूचारण