बरेली। जनपद मे मेडिकल कॉलेज की छात्रा को डिजिटल अरेस्ट कर उससे आठ लाख से ज्यादा रुपये की साइबर ठगी की गई थी। उसके आधार कार्ड को मनी लॉड्रिंग मामले से जुड़ा बताया गया था। घबराई छात्रा दो दिन अपने कमरे मे बंद होकर लैपटॉप के सामने बैठी रही। जब उसे जालसाजों की जांच मे क्लीनचिट मिली तो अहसास हुआ कि वह साइबर ठगों के चंगुल मे थी। जिन नंबरों से छात्रा को कॉल की गई थी। उनकी लोकेशन महाराष्ट्र और तमिलनाडु मे मिली है। आपको बता दे कि गाजियाबाद जिले की निवासी छात्रा के मुताबिक 21 फरवरी की दोपहर उसके नंबर पर एक कॉल आई थी। कॉल पर एक युवती ने बताया कि वह एक कोरियर कंपनी से बात कर रही है। उसका आधार अनधिकृत लेनदेन में लिप्त मिला है। उससे कहा गया कि इस आधार आईडी को नवाब मलिक ने कई जगह मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किया है। केस हल होने तक आपको सर्विलांस पर रखा जाएगा। फिर एक खाता नंबर देकर कहा कि जांच होने तक अपने खाते की रकम को इसमे ट्रांसफर कर दीजिए। उसके बताए खातों मे छात्रा ने 817297 रुपये ट्रांसफर कर दिए। दो दिन बाद स्काइप पर कॉल बंद करने को कहा गया। दो दिन बाद छूटी छात्रा को जब ठगी का अहसास हुआ तब उसने साइबर थाने मे रिपोर्ट कराई है। साइबर थाना पुलिस इस मामले में की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों का पता लगाने मे जुटी है। आरोपियों के बैंक खातों व मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है। इनसे संबंधित कुछ ई-मेल किए गए है। फिलहाल, ई-मेल के जवाब मिलने का इंतजार किया जा रहा है। संबंधित नंबरों की लोकेशन महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मिल रही है। उच्चाधिकारियों के आदेश पर टीम इन स्थानों पर भी जांच व दबिश के लिए जा सकती है।।
बरेली से कपिल यादव