कटिहार/बिहार- पूर्वोत्तर रेलवे के कटिहार जिला अंतर्गत झौवा रेलवे स्टेशन से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पूर्व की ओर स्थित दोनों तरफ स्टेट हाईवे सड़क रहने के बावजूद आजादी के 70 साल बाद भी रेलवे फाटक ऊपरी पुल का निर्माण आज तक नहीं हो पाया | जबकि यह मार्ग जिला मुख्यालय जाने के लिए बारसोई अनुमंडल के लोगों का मुख्य मार्ग है इसके अलावा यह रोड बंगाल की सीमा को भी जोड़ता है इस मांगों को लेकर पूर्व में कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया है| फाटक निर्माण के लिए लंबे समय से संघर्षरत ग्रामीण ने बताया कि हजारों लोगों की रोजमर्रा की समस्या से प्रशासन ने इस तरह मुंह मोड़ लिया है जैसे यहाँ कोई रहता नहीं है । इस संघर्ष में अनेक बार रेल चक्का जाम भी किया गया है यहाँ तक की कई लोगों को जेल की हवा भी खानी पड़ी है और अभी भी कई लोग बेल बाहर है | हालाँकि प्रशासन द्वारा कई बार इस सम्बन्ध में आश्वासन भी दिया गया की स्टेशन से पश्चिम की ओर स्थित गेट को बंद कर पूरब की ओर अवस्थित करने का रेल अधिकारी द्वारा निर्देश भी दिया गया लेकिन इस पर आज तक इस पर अमल नहीं किया गया | इस रेल लाइन को पार करते हुए कई लोग हादसे के शिकार हुए हैं और कई बार जान-माल की भी नुकसान हुई है, फिर भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए बैठे हुए हैं| ऐसे में स्थानीय लोग अब रेलवे प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित है और आरपार की लड़ाई के मूड में है। अब इस से आक्रोशित लोग रेलवे ट्रैक पर ही आमरण-अनशन को तैयार है और इसके लिए तैयारी की जा चुकी है और जिलाधिकारी को सूचना दी जा चुकी है। अगर 17 मार्च तक इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं हुई तो 18 मार्च से आमरण अनशन शुरु किया जाएगा।
स्थानीय ग्रामीण बताते है की एक बार इस सम्बन्ध में तत्कालीन कदवा विधायक स्व. भोला राय ने कटिहार रेलमंडल प्रबंधक को इस समस्या से अवगत कराते हुए पत्र लिखा था की झौआ स्टेशन से पश्चिम स्थित समपार फाटक झौआ से पूर्व स्थानांतरित करने तथा सुधानी में समपार फाटक बंद कर मीनापुर में स्थानांतरित किए जाय | यहाँ तक की सभी विभागीय कार्यवाही की जा चुकी थी और सम्बंधित विभागीय से अनापत्ति भी ली जा चुकी थी पर कुछ कार्य नहीं हो पाया |
– गीता कुमारी की रिपोर्ट कटिहार से