बरेली। शारदीय नवरात्र के छठवें दिन माता के स्वरूपों की पूजा मंदिरों से लेकर घरों तक विधि-विधान से हुई। मंदिरों में मंगलवार को भक्तों का तांता लगा रहा। माता का भक्तों ने विधिविधान से पूजन किया। शाम को धूमधाम से माता की डोली निकाली गई। धूप-दीप से माता की आरती उतारी और सुख-समृद्धि की मनोकामना की। मंगलवार को पंचमी व षष्ठी स्वरूप की पूजा की गई। आचार्य मुकेश मिश्रा ने बताया कि शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। क्योंकि यह दिन ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी स्कंदमाता को समर्पित है। स्कंदमाता की विधि सम्मत पूजा करने से गुरु ग्रह स्वतः मजबूत हो जाता है। वहीं माता का छठा स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माता के इस स्वरूप को सफलता और यश का प्रतीक माना गया है। मां कात्यायनी को लाल रंग अतिप्रिय है। इस दिन लाल रंग के गुलाब का फूल मां भगवती को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसे में शुक्रवार को भोर से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों में देखने को मिली। लोगों ने पुष्प व शहद चढ़ाकर माता से सुख समृद्धि का आशीष मांगा। साहूकारा स्थित श्री नवदुर्गा मंदिर में माता का शृंगार एवं पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ देखने को मिली। इसी प्रकार कालाबाड़ी स्थित माता काली के मंदिर व सुभाष नगर रोड स्थित चौरासी घंटा मंदिर में माता की पूजा करने के लिए भीड़ लगी रही। साहूकारा स्थित नव दुर्गा मंदिर, बदायूं रोड स्थित चोरासी घंटा मंदिर, कालीबाड़ी स्थित कालीदेवी मंदिर सहित विभिन्न देवी मंदिरों में शारदीय नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में श्रद्वालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। वही चौरासी घंटा मंदिर मे भी पूजन दर्शन के लिए सुबह के पहर में श्रद्वालुओं का तांता लगा रहा। कपूर-अगरबत्ती से मंदिर परिसर महकते रहे। लोगो ने लाइन में लगकर माता की पूजा अर्चना की।।
बरेली से कपिल यादव