महिला अनाथालय मे गंदगी को देख नाराज हुए अधिकारी, साफ सफाई के दिए निर्देश

बरेली। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल के दिशा निर्देशन में गठित समिति अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रचना अरोड़ा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अतुल चौधरी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह वर्मा एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति वर्मा द्वारा बिभिन्न शेल्टर होम जैसे ममता आश्रय ग्रह मानसिक मंदित हरूनगला, आर्य समाज अनाथालय, बार्ने बेबी फोल्ड का निरीक्षण किया। निरीक्षण मे शेल्टर होम में कोविड-19 की तीसरी लहर से बचाव के लिए न्यायाधीशों की समिति द्वारा ममता आश्रय ग्रह के कर्मचारी को पूरा परिसर समय समय पर सेनेटाइजेशन कराने व कोविड नियमों के पालन करने के दिशा निर्देश दिए। इसके आश्रय ग्रह की मानसिक मंदित महिलाओं के रख रखाव के साथ उनके खाने के स्टॉक की भी जांच भी की। महिला अनाथालय के निरीक्षण में अपर जिला जज रचना अरोड़ा ने सभी बच्चियों से बात की और अनाथालय में बड़ी बच्चियों और छोटी बच्चियों के रहने के कमरों का निरीक्षण किया। जहां कमियों के अंबार देखते हुए कमेटी द्वारा फटकार लगाते हुए तुरंत साफ सफाई के निर्देश दिए गए। पुरुष अनाथालय मे बच्चों से उनकी पढ़ाई की। अपर जिला जज रचना अरोड़ा और सीजेएम अतुल चौधरी ने अनाथालय के लेजर और स्टॉक की जांच की। जिसके बाद अनाथालय कर्मचारियों को कोविड से बचाव के निर्देश दिए। कमेटी द्वारा बार्ने बेबी फोल्ड के निरीक्षण में बच्चों को अच्छा खाना देने पर जोर दिया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह वर्मा ने संस्था द्वारा बच्चों को गोद देने के तरीकों की जानकारी ली। संस्था के किचन में जाकर भोजन की गुड़बत्ता की जांच करी। न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति वर्मा ने संस्था में रह बच्चों के बीच जाकर उनका हालचाल जाना। सात साल की एक बच्ची जिसका शारीरिक विकास नहीं हुआ है जो शारीरिक रूप से मात्र दो वर्ष की बच्ची के समान दिखती है। उसके साथ समय व्यतीत किया और कमेटी द्वारा संस्था के कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि परिसर में साफ सफाई की जाए। इसके साथ ही समय समय पर बच्चों की जांचे कराने के निर्देश दिए गए।।

बरेली से कपिल यादव

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