बरेली। शिव व शक्ति के मिलन का पर्व महाशिवरात्रि पर इस वर्ष करीब 149 साल बाद एक अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। यह संयोग देश और समाज के लिए काफी शुभप्रद्ध साबित होगा। महिलाओं की बात करें तो यह संयोग उन्हें अपार सम्मान दिलाएगी। यह बातें ज्योतिष आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने कही। आचार्य ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन इस बार काफी दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन ग्रहों की स्थिति काफी अलग रहने वाली है। पौराणिक कथाओं के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को ही भगवान शिव जी और माता पार्वती जी का विवाह हुआ था। इसी कारण महाशिवरात्रि को बहुत ही पवित्र पर्व माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन रात के चारों प्रहारों में भगवान शिव के पूजन अर्चन और अभिषेक करने की मान्यता है। प्रथम प्रहर में दूध, द्वितीय प्रहर में दही, तृतीय प्रहर में घृत द्वारा और चतुर्थ प्रहर में मधु द्वारा स्नान कराकर उनका पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन व्रती भगवान शिव के निमित्त उपवास कर सम्पूर्ण रात्रि में भगवान शिव का पूजन और अभिषेक करता है। इस दिन की गई पूजा अर्चना एवं अभिषेक से भगवान शिव विशेष रुप से प्रसन्न हो जाते हैं। इस दिन भगवान शिव जी को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ और आशुतोष भी कहा जाता है। भगवान शिव को देवों का देव कहा जाता है। मान्यता है कि जो जातक सच्चे मन से भोलेनाथ और मां पार्वती की आराधना करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11.08 बजे से हो जाएगी। जबकि इसका समापन 27 फरवरी को सुबह 8.54 बजे होगा। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस बार की महाशिवरात्रि पर भद्रावास का संयोग भी बन रहा है। यह शुभ योग लोगों की किस्मत बदलने वाला होगा। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर 60 साल बाद त्रिग्रही योग बना है। इस दिन कई और खास योग भी बने है। इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का सुसंयोग बना है। परिघ योग और शिव योग भी है। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में है, जो शुभ माना गया है। इस दिन सूर्य, बुध, और शनि तीनों ग्रह कुंभ राशि में हैं, जिसके कारण इस वर्ष इस दिन त्रिग्रही योग बन रहा है। कहा कि इस दिन बुधादित्य योग भी बना है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस त्योहार को शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, इस दिन कई ग्रहों का परिवर्तन भी होता है।।
बरेली से कपिल यादव