महाकुंभ मे करोड़ो श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, भक्ति और आध्यात्मिक एकता हो रहा संगम

बरेली/महाकुंभनगर(प्रयागराज)। महाकुम्भ का पहला अमृत (शाही) स्नान मंगलवार को मकर संक्रांति पर शुरू हो गया है। महाकुम्भ 2025 के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए। एक बयान के मुताबिक महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों की खास तौर पर व्यवस्था की गई थी। अखाड़ों के साथ श्रद्धालुओं का रेला थम नही रहा है। सुबह से अब तक संगम में स्नान करने वालों की संख्या 2.50 करोड़ हो गई। सोमवार शाम तक प्रशासन की ओर से बनाए गए सभी रैन बसेरे भर गए थे। लोगों ने इधर उधर जहां शेड मिला वही ठौर की तलाश की। मकर संक्रांति के अवसर पर सभी 13 अखाड़े अपने नागा संन्यासियों के साथ संगम तट पर स्नान कर रहे हैं।। जूना अखाड़े के लगभग 200 महामंडलेश्वर ट्रैक्टर पर सवार होकर संगम पहुंचे। महाकुम्भ मे भारत के विभिन्न प्रांतों से आए विभिन्न समुदायों के लोगों के साथ ही विदेशी श्रद्धालुओं ने भी एक साथ संगम में ‘अमृत स्नान’ किया। महाकुंभनगर इन श्रद्धालुओं के ‘जय श्री राम’, ‘हर हर गंगे’, ‘बम बम भोले’ के उद्घोष से गूंज उठा। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, केरल, आंध्र प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से आए अलग अलग समुदायों के लोगों के साथ साथ अमेरिकी, इजराइली, फ्रांसीसी समेत कई अन्य देशों के नागरिक भी गंगा स्नान करते हुए भारत की सनातन संस्कृति से अभिभूत हो गए।।

बरेली से कपिल यादव

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