बरेली। जुमे की नमाज के बाद इमामों ने नमाजियों को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे मे बताया। कहा कि सरकार शरीयत पर हमला कर रही है। हमें इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना होगा। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की अपील के बाद ये तकरीरें की गई। उन्होंने कहा था कि मस्जिदों के इमाम अपनी अपनी मस्जिदों में जुमे की नमाज से पहले लोगों को यूसीसी की खामियां बताएं। मौलाना पीर मुजाहिद हुसैन ने हजियापुर मस्जिद मे तकरीर मे कहा कि यूसीसी लागू होने के बाद तलाक देने का अधिकार महिलाओं को भी दिया जाएगा। मर्द एक ही शादी कर सकेगा और उसे सिर्फ दो बच्चे पैदा करने का अधिकार होगा। शादी का पंजीकरण जरूरी होगा। यूसीसी में की गई बाते सीधे तौर पर कुरान व हदीस के खिलाफ है। नूरी मस्जिद जादौपुर मे इमाम मुफ्ती हाशिम रजा ने कहा कि ये समस्या मुसलमानों के अलावा भारत मे रहने वाले दूसरे संप्रदाय के सामने भी खड़ी होगी। जंक्शन स्थित साबरी मस्जिद के इमाम मौलाना नजाकत हुसैन ने कहा कि 21वें लॉ कमीशन की रिपोर्ट मे समान नागरिक संहिता को गैरजरूरी करार दिए जाने के बावजूद 22वें लॉ कमीशन की रिपोर्ट के जरिये देश मे यूसीसी लागू करने के लिए विमर्श किया जा रहा है।।
बरेली से कपिल यादव