*प्रान्तो से वापसी हुए मजदूरों को काम न मिलने पर खस्ता हुए हाल
फतेहपुर – उत्तर प्रदेश में योगी सरकार कितना भी अधिकारियों के प्रति कड़े निर्देश जारी करते हुए आदेशित करें कि वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान आए हुए बेरोजगार श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने हेतु गांव में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों पर उन्हें काम देकर मजदूरी प्रदान करें जिससे उनके परिवार का भरण पोषण कुशलता पूर्वक निर्वहन हो सके, वहीं दूसरी तरफ सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रधान एवं प्रशासनिक विकासखंड अधिकारी से लेकर ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत से गांव में मनरेगा के तहत मजदूर श्रमिकों के द्वारा कार्य न करा कर जेसीबी मशीन द्वारा ग्राम पंचायतों में कार्यों को धड़ल्ले से पूरा किया जा रहा है । होने वाले इन कार्यों में वह मनरेगा मजदूरों के खातों से पेमेंट कैसे निकालते हैं यह तो कार्यों को अंजाम देने वाले ही बता सकते हैं। वहीं प्रशासन हो रहे ऐसे कार्यों पर पूर्ण रूप से अनदेखी करते हुए समझ आ रहा है, कोई श्रमिक अगर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान व अधिकारियों के प्रति आवाज उठाता है तो कार्यों को अंजाम देने वाले लोगों की दबंगई को देख, उनकी आवाज वही दब जाती है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि प्रदेश सरकार द्वारा सही निर्देश तो हो रहे हैं परंतु उनका पूर्ण अनुपालन नहीं किया जा रहा, उल्टा उन निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है ।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आपको बता दें कि ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत लम्हेटा विकासखंड बहुआ तहसील-सदर फतेहपुर में नियुक्त ग्राम प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि द्वारा ग्राम पंचायत के लम्हेटा से कुआंपार मार्ग बनाया जा रहा है जिस पर मिट्टी की पुराई का कार्य जारी है जिस पर रात दिन मौका लगाकर जेसीबी मशीन के द्वारा कार्य को किया जा रहा है । जहां एक भी मनरेगा मजदूर इस कार्य में मजदूरी करते हुए नहीं पाया गया। गांव के ही श्रमिक लोगों में नाम ने ओपेन करने पर बताया कि ग्राम प्रधान की दबंगई से ग्राम पंचायत के अंदर धड़ल्ले से जेसीबी मशीन द्वारा कार्य कराए जा रहे हैं यहां कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनके विरुद्ध जांच में आता हुआ नहीं दिखाई दे रहा। जिससे हम लोगों की रोजी-रोटी मारी जा रही है जिसमें सिर्फ हमारी मांग यही है कि क्षेत्र में जो भी कार्य हो उसमें मनरेगा के तहत हम लोगों की मजदूरी देकर कार्य को कराएं जाएं जिससे हम लोगों के परिवार का भरण पोषण इस बेरोजगारी के दौरान हो सके और सरकार की मंशा अनुसार कार्य नही करने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो।