भ्रष्टाचार के आरोपी दरोगा की जमानत अर्जी खारिज, एक लाख रुपये मांगी थी रिश्वत

बरेली। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या एक ने थाना सुभाषनगर की करगैना चौकी इंचार्ज रहते हुए रिश्वत लेते पकड़े गए दरोगा धर्मेंद्र देशवाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को मुकदमे से नाम निकालने के बदले 50 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उसने एक लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। थाना कोतवाली क्षेत्र के जीजीआईसी रोड निवासी आदर्श दीक्षित और उसके मामा कूर्माचल नगर निवासी विजय प्रकाश के खिलाफ आदर्श के चाचा ने सुभाषनगर थाने में 24 फरवरी को रिपोर्ट कराई थी। इसमें आरोप है कि इन लोगों ने उनके बेटे पर कार चढ़ाकर उसकी जान लेने की कोशिश की। मुकदमे की विवेचना करगैना चौकी प्रभारी धर्मेंद्र देशवाल कर रहा था। देशवाल बिना किसी ठोस साक्ष्य व मेडिकल परीक्षण न होने के बावजूद आदर्श और विजय प्रकाश को परेशान कर रहे थे। 20 हजार रुपये एकमुश्त लेने के बाद भी उसने आदर्श को गिरफ्तार कर जेल दिया था। आदर्श जमानत पर छूटकर आया तो देशवाल ने उसे चौकी बुलाकर हड़काया। उसके मामा विजय प्रकाश का नाम मुकदमे से निकालने के लिए एक लाख रुपये मांगे। 50 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। आदर्श ने इसकी सूचना एंटी करप्शन को दी। एंटी करप्शन ने औपचारिकताएं पूरी कर लीं। 19 जुलाई को आदर्श 50 हजार रुपये देशवाल को देने गया। इसी दौरान एंटी करप्शन ने उसे रंगे हाथों पकड़ा लिया। उसने खिलाफ सुभाषनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके बाद से वह जेल में है। उसकी तरफ से जमानत के लिए अर्जी दाखिल की गई थी। बुधवार को शासकीय अधिवक्ता मनोज वाजपेयी और बचाव पक्ष के अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने देशवाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी।।

बरेली से कपिल यादव

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