पूर्णिया/बिहार – पूर्णिया बिहार के स्मार्ट सिटी का दर्जा होने के वावजूद यहाँ सभी बैंकों और एटीएम का हालात खस्ता होती दिखाई दे रही है ।लोग अपने ही पैसे के लिए दर दर भटक रहे है न तो बैंको में रुपये है और न ही किसी एटीएम में। आलम यह है कि लोग आक्रोशित हो कर अब आंदोलन पर उतर आए है लोगो ने बैंको को घेराव किया और बैंक मैनेजर को घेर लिया ताकि वो बैंक न खोल सके । बैंक मैनेजर के बहुत समझाने पर लोगो ने बैंक खोले जाने को तैयार हुए । बैंक ग्राहकों का कहना है कि इतनी कैश की किल्लत तो नोट बंदी के वक़्त भी नहीं हुई थी। सुबह से ही यहां सैकड़ों की संख्या में ग्राहक रुपये निकालने के लिए बैंक परिसर में लाईन में लगे थे। जब बैंक के मैनेजर बैंक खोलने पहुंचे तथा कहा कि रुपयों की कमी बनी हुई है तो ग्राहक आग बबूला हो गये तथा उनका घेराव करते हुए बैंक खोलने से रोक दिया। बाद में उनके काफी कहने समझाने के बाद लोगो ने बैंक खोलने दिया। बैंक खुलते ही ग्राहकों की भीड़ से बैंक में अफरा-तरफी सा माहौल बनने लगा लोगो का कहना है कि घर में खाने का ठिकाना नहीं है और सरकार कैशलेस की बात करती है। कहा कि उनकी खेती चौपट हो रही है, मजदूरों को देने के लिए पैसा नहीं है। मजदूरों के पास खाता नहीं है कि उसके खाता में भी रुपये स्थानांतरण करवाया जा सके। दूसरी ओर मजदूर भी नकद रुपये लेना चाह रहे हैं क्योंकि वे रोज कमाते हैं रोज खरीदकर खाते हैं। आखिर लोग करें तो क्या करें।
-शिव शंकर सिंह,पूर्णिया/ बिहार