बीजेपी से दूरी या मजबूरी: पीएम के मंच से भी दूर हुए वरूण गांधी

पीलीभीत- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सियासी समीकरण साधने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने यूपी सरकार के लोकनिर्माण मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार जितिन प्रसाद के पक्ष में पीलीभीत ड्रमंड इंटर कॉलेज मैदान पर चुनावी जनसभा को संबोधित किया. लेकिन सवाल अभी भी बीजेपी सांसद वरुण गांधी को लेकर उठ रहा है क्योंकि वह इस मंच पर भी नजर नहीं आए. पीलीभीत से बीजेपी ने वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन टिकट काटे जाने के बाद से ही वह गायब हैं. वह न तो अभी तक पार्टी के किसी कार्यक्रम में पहुंचे और न ही चुनाव प्रचार में पहुंचे. उन्होंने पहले सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा से दूरी बनाई थी. लेकिन अब वह पीएम मोदी की रैली में भी नजर नहीं आए. पीलीभीत से वरुण गांधी दो बार सांसद रहे चुके हैं, लेकिन इस बार उनका टिकट पार्टी ने काट दिया है. हालांकि बीते दिनों वरुण गांधी को लेकर जब उनकी मां और सुल्तानपुर से बीजेपी प्रत्याशी मेनका गांधी से सवाल किया गया था, तब उन्होंने कहा था, ‘वरुण गांधी और उनकी पत्नि बीमार हैं, दोनों आराम कर रहे हैं.’ लेकिन इसके बाद भी वरुण गांधी को लेकर सियासी सवाल उठ रहे हैं और उनके द्वारा क्षेत्र के साथ पार्टी से बनाई गई दूरी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने रैली के जरिए तराई के इस जिले से आसपास की लोकसभा सीटों का भी चुनावी गणित साधने की कोशिश की है. इन सीटों में बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं और लखीमपुर व धौरहरा शामिल हैं. उनके मंच पर सीएम योगी समेत कई नेता मौजूद रहे. वहीं बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में एक सप्ताह पहले सीएम योगी ने प्रबुद्ध सम्मेलन को भी संबोधित किया था. बता दें कि इस सीट पर पहले चरण के दौरान 19 अप्रैल को वोटिंग होने वाली है.

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