बहेड़ी, बरेली। बहेड़ी मे तीन बच्चों की मौत का मामला अभी भी रहस्य बना हुआ। इन तीनो की हत्या हुई या यह महज हादसा था। इसके रहस्य से पर्दा उठना बाकी है। बच्चों की मौत जिस तरह से होना दर्शाया गया है। उसमे किसी बड़े शातिर दिमाग के काम करने की बू आ रही है। जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया व शख्श बाकई शातिर दिमाग है। परिजनों का कहना है कि सब कुछ इस तरह से प्लानिंग किया गया ताकि हर कोई इसे डूबने से ही मौत बताये। यहां तक कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी वही आये जो किया गया है। सिमरा स्थित किच्छा नदी के किनारे बहेड़ी के तीन नाबालिग युवकों की लाश मिलना हत्या की ओर इशारा कर रहा है। जिस हालत में तीनों बच्चों के शव मिले है। उनको एकबारगी देखने पर हर कोई उनकी हत्या की ओर इशारा जरूर करेगा। शवों के हालात ही ऐसे थे। इन नाबालिग बच्चों की मौत कई सबाल छोड़ गयी है। जिनके जवाव भी पुलिस को तलाशने होंगे। इन सवालों के जबाव मिलने से पुलिस सच्चाई की तह तक आसानी से पहुंच सकती है। सबसे पहला सबाल यह है कि जिस स्थान पर बच्चों के शव मिले है वहां पर इतना पानी नही है कि बच्चे डूब सकें। उस नदी में घुटनो तक ही पानी है। दूसरा सवाल बच्चों की नाक व मुंह से खून बहता दिख रहा है जो पानी से डूबने वालों में यह नही होता है। तीसरा सवाल घटनास्थल के कुछ फैसले पर शराव व बीयर, कोल्डड्रिंक की बोतले मिलना घटना को और संदिग्ध बना रहा है क्योंकि तीनो नाबालिग बच्चे शराव का सेवन नही करते थे। चौथा सवाल बच्चों के शरीर पर कई जगह चोट व जले के निशान जो यह गबाही दे रहे है कि तीनो वच्चों के साथ पहले क्रूरता की गयी है। परिजनों का यह भी आरोप है कि घटना को अंजाम देने के लिये तीनो नाबालिगों को पहले क्रूरता की गयी हो। उसके बाद उनको पानी डुबोकर मारा गया हो तो पीएम रिपोर्ट भी पानी से डूबना ही बतायेगी। बहरहाल घटना स्थल तो यही बता रहा है कि बड़े ही शातिराना अंदाज में घटना को अंजाम दिया गया हो। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि बहेड़ी के तीन दोस्तों की हत्या की गयी या फिर महज हादसा था।।
बरेली से कपिल यादव