बरेली। भाजपा का गढ़ कही जाने वाली बरेली लोकसभा सीट पर इस समय भाजपाईयों मे बगावत शुरू हो गई है। आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट कटने के बाद भाजपा मे अंदरखाने बगावत के सुर उठने लगे है। संघ से जुड़े पूर्व विधायक छत्रपाल गंगवार को टिकट दिया गया है। तब से भाजपा में अंदर ही अंदर कलह बढ़ गई है। जिसमें एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि छत्रपाल गंगवार को न तो संगठन चुनाव लड़वा रहा है और न ही पार्टी के विधायक व सांसद। यहां तक की बरेली मे दो दो मंत्री है वह भी चुनाव नही लड़वा रहे है। बरेली से भाजपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक छत्रपाल गंगवार का एक मीटिंग के दौरान दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा की मुझे कोई भी चुनाव नही लड़वा रहा है इसलिए मैं अपना टिकट सरेंडर कर दूंगा। भाजपा की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता डॉ दीप्ति भारद्वाज ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है कि इससे बुरी बात क्या होगी कि भाजपा बरेली प्रत्याशी छत्रपाल जी अकेले अपना प्रचार कर रहे है। सारे विधायक संगठन पदाधिकारी नदारद है। इसी से हताश प्रत्याशी ने टिकट सरेंडर करने की बात तक भरी मीटिंग में कर दी। जिसमें नेताओं ने कहा कि असली रार संतोष गंगवार का टिकट कटने के बाद शुरू हुई है। इस बार पार्टी ने 76 साल की उम्र के कारण आठ बार के सांसद का टिकट काटा है। कई नेताओं मे चर्चा के दौरान यह माना जा रहा है बरेली की राजनीति के अगले 72 घंटे बहुत खास है। पार्टी के नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार छत्रपाल गंगवार का टिकट काट सकती है। वही मेयर उमेश गौतम को टिकट मिल सकता है। उमेश गौतम लोकसभा चुनाव मे शुरू से लगे हुए है। उन्होंने टिकट के लिए आवेदन भी था। बरेली लोकसभा मे 23 लाख मतदाता है। जिसमे करीब साढ़े 3 लाख कुर्मी मतदाता है जबकि 35 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। ऐसे मे जातिगत समीकरण साधते हुए पार्टी ने पूर्व मंत्री छत्रपाल गंगवार को प्रत्याशी बनाया। लेकिन उनका पार्टी मे पहले दिन से ही विरोध हो रहा है।।
बरेली से कपिल यादव