बरेली। रुहेलखंड की चार जिलों मे से एक बरेली लोकसभा सीट पर एक बार फिर कमल खिला है। भाजपा के छत्रपाल गंगवार 34804 वोटों से चुनाव जीत गए हैं। सपा उम्मीदवार प्रवीण सिंह ऐरन इस सीट से चुनाव हार गए हैं। छत्रपाल गंगवार को 567127 वोट और प्रवीण सिंह ऐरन को 532323 वोट मिले है। जीत के बाद छत्रपाल गंगवार का समर्थकों ने स्वागत किया। जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद वह भारत माता की जय, जय श्री राम की गूंज के बीच मतगणनास्थल से रवाना हुए। आपको बता दें कि इस सीट पर लगातार आठ बार से कमल खिलता चला आ रहा है। इससे पहले संतोष गंगवार लगातार आठ बार इस सीट से सांसद चुने जा चुके है। सुबह आठ बजे परसाखेड़ा स्थित स्टेट वेयरहाउस में मतगणना शुरू हो गई। बरेली लोकसभा की पांचो विधानसभा के साथ आंवला लोकसभा की आंवला, बिथरी और फरीदपुर विधानसभा के मतों की गिनती हो रही है। इसके अलावा पीलीभीत लोकसभा की बहेड़ी विधानसभा के वोटो की गिनती भी स्टेट वेयरहाउस में की जा रही है। मतगणना स्थल पर सुरक्षा के उपयुक्त इंतजाम किए गए है। मतगणना के लिए नौ हाल बनाए गए है। जहां पर विधानसभा वार मतों की गिनती हो रही है। इसके अलावा दो हाल पोस्टल बैलेट पहले और ईटीपीबीएस की गणना के लिए बनाए गए है। झुमका सिटी के नाम से प्रसिद्ध बरेली लोकसभा सीट 1952 में अपने अस्तित्व में आई थी। इसी साल यहां पहला चुनाव हुआ था। बरेली को भाजपा का गढ़ माना जाता है। 1989 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ 2009 में हारी थी। 1962 के चुनाव में जनसंघ के बृजराज सिंह सांसद बने। 1967 में भी इस सीट जनसंघ के कब्जे में रही लेकिन इस बार उन्होंने अपना प्रत्याशी बदलकर बृजभूषण लाल को चुनाव और चुनाव भी जीता। 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और एक बार फिर सतीश चंद्रा सांसद चुने गए। इसी दौरान इमरजेंसी लग गई। 1977 में फिर चुनाव हुए, जिसमें जनता पार्टी के राममूर्ति ने कांग्रेस को शिकस्त देकर सीट अपने कब्जे में कर ली। 1980 के चुनाव में जनता पार्टी ने राममूर्ति को हटाकर मिसरयार खान को चुनाव लड़ाया और जीत हासिल की। 1981 के चुनाव में कांग्रेस की बेगम आबिदा अहमद ने चुनाव जीता। 1989 में इस सीट पर पहली बार भाजपा से संतोष गंगवार सांसद चुने गए। इसके बाद ये सीट भाजपा का गढ़ बन गई। संतोष गंगवार 2004 तक लगातार छह बार सांसद चुने गए। 2009 में इस सीट पर कांग्रेस के प्रवीण सिंह एरन ने चुनाव जीता, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फिर वापसी की और संतोष गंगवार सांसद बने। 2019 का चुनाव भी संतोष गंगवार ने जीता। संतोष गंगवार केंद्र में मंत्री भी रहे है।।
बरेली से कपिल यादव