बरेली। योगी सरकार ने कांवड़ मार्गों की पड़ने वाली खानपान और फल की दुकानों के बाहर दुकान मालिकों के नाम लिखवाने का आदेश दिया है। इसका उद्देश्य कांवड़ यात्रियों की आस्था और शुचिता को बनाए रखा है। जिसके चलते यह आदेश दिया गया है। बरेली जनपद मे सबसे प्रमुख कांवड़ियों का मार्ग बदायूं रोड है। जहां से लाखों की संख्या में श्रावण माह मे शिव भक्त गुजरते है। वही चौपुला पुल उतरते ही हमने अपना सफर शुरु कर दिया। करीब 25 किलोमीटर के सफर में दर्जनों की संख्या में ढाबे, होटल, फल आदि की दुकान मिली। कही दुकान के बाहर नाम संचालक का नाम लिखा था तो कही बिना नाम के ही दुकान चलाई जा रही थी। बदायूं रोड पर बड़ी संख्या मे फल जूस की दुकाने लगाई जाती है। चलते-चलते थकान होने पर शिवभक्त यही रुक कर फल व जूस पीते है। ऐसे में उनके साथ कोई छल न हो इसके लिए नाम लिखवाने को अनिवार्य किया गया है। फल व जूस की दुकान पर अधिकतर दुकान पर संचालक का नाम अंकित है जिससे यह स्पष्ट है कि यह दुकान कौन चला रहा है। शहर के अंदर तो खाने के ढाबे कम संख्या में है लेकिन रामगंगा पुल पार करते ही इनकी शुरुआत हो जाती है। हमें सबसे पहले बाबा दा ढाबा मिला इस ढाबे के बाहर किसी भी संचालक का नाम अंकित नही था। इसके बाद आगे बढ़ते ही शिवेन दा ढाबा था। इस पर श्रावण माह को शुभकामना देते हुए एक बोर्ड लगा था लेकिन संचालन कौन कर रहा है यह अंकित नहीं था। इसी के बाद डीआर ढाबा मिला इस ढाबे पर डीआर के अलावा कोई शब्द नहीं लिखा था इस नाम से संचालक ढाबा कौन चला रहा है इसका कोई पता नहीं था। इसी तरह इस रोड पर शिवा ढाबा, शंकर ढाबा आदि का संचालन हो रहा है। लेकिन उसे संचालन कौन कर रहा है इसका कुछ नही पता। इसी राेड पर कुछ नानवेज बेचने वाले ढाबे भी है जिन्होंने अपने बोर्ड पर ही आइटम के नाम भी लिख रहे है। सरकार द्वारा दिए गए आदेश के बाद होटल व ढाबों के बाहर रेट लिस्ट व संचालक के मोबाइल नंबर भी लिखना है, जिससे दुकान पर आने वाले कांवड़ियों को कोई परेशानी न हो। लेकिन किसी भी ढाबा व होटल के बाहर रेट लिस्ट नहीं लगी मिली। साथ ही मोबाइल नंबर भी नही लिखे है।।
बरेली से कपिल यादव