बरेली के हरसहायमल श्यामलाल ज्वेलर्स ने बनाए रामलला के आभूषण, रामलला का हुआ दिव्य शृंगार

बरेली। अयोध्या धाम मे विराजमान कौशल्या नंदन के रूप को अलौकिक बनाने मे बरेली का अभूतपूर्व योगदान है। रामलला के आभूषण कही और नहीं अपने स्मार्ट सिटी के हरसहायमल श्यामलाल ज्वेलर्स (एचएसजे) की बरेली और लखनऊ की टीम ने मिलकर तैयार किए हैं। बरेली के सिविल लाइंस स्थित एचएसजे के एमडी मोहित आनंद ने बताया कि इसके लिए आध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस, आलवंदारर स्तोत्र आदि धर्मग्रंथों का पहले अध्ययन किया गया। इसके बाद उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप रामलला के आभूषण तैयार किए गए। मोहित आनंद ने बताया कि दो तारीख को उन्हें मंदिर कमेटी ने बुलाया और पूरी बात बताई। इसके बाद कॉन्सेप्ट तैयार करने से लेकर आभूषण को अंतिम रूप देने के लिए बरेली और लखनऊ के चुने हुए ट्रेंड 70 लोगों को इसमें लगाया गया। टीम ने दिन रात की मेहनत से महज 14 दिन में रामलला के लिए आभूषण तैयार कर दिए। जिनमें विजय माला, छोटा हार, मुकुट, अंगूठी, कड़े, पायल, तिलक, बाजू-बंध, धनुष और तीर आदि शामिल हैं। फिर इन आभूषणों को 16 जनवरी की शाम को ही अयोध्या पहुंचकर ट्रस्ट को सौंप दिया। रामलला सूर्यवंशी है इसलिए मुकुट पर सूर्य बनाए गए। उसमें पन्ना लगाया जो संपन्नता को दर्शाता है। साथ ही शोभा बढ़ाने के लिए मयूर भी बनाए। 22 कैरेट येलो गोल्ड से तैयार यह मुकुट वजन में 500 ग्राम का है। इसमें 75 कैरेट का हीरा और 265 कैरेट का रूबी लगा है। रामलला के चेहरे पर जो तिलक लगा है, वह 16 ग्राम का है, जिसके मध्य में तीन कैरेट का हीरा है। साथ ही इसके चारों ओर 10 कैरेट का हीरा है। साथ ही भौहों के बीच में बर्मिज रूबी का इस्तेमाल कर अजना चक्र बनाया गया है। रामलला के हाथ की अंगूठी 65 ग्राम की है। इसमें चार कैरेट का हीरा और 33 कैरेट का पन्ना जरा हुआ है। रामलला के बाएं हाथ के लिए रूबी रिंग बनाई गई है, जिसका वजन 26 ग्राम है। इसमें भी हीरा जरा है। रामलला के गले में शोभायमान हार येले और व्हाइट गोल्ड से तैयार किया गया है। इसमें 50 कैरेट हीरे के साथ 150 कैरेट रूबी और 380 कैरेट का पन्ना लगा है।रामलला के लिए विशेष रूप से पंचलदा तैयार किया गया है। 660 ग्राम गोल्ड से तैयार पंचलदा में 80 कैरेट हीरा, 550 कैरेट पन्ना और 60 कैरेट पोल्की का इस्तेमाल किया गया है। इसे तैयार करने में पंच तत्व का ध्यान रखा गया है। रघुनंदन के लिए 22 कैरेट गोल्ड से तैयार विजयमाला करीब दो किलो का है। इसमें पांच धर्मफूल कमल, कुंड, पारिजात, चंपा और तुलसी का इस्तेमाल किया गया है। इसकी लंबाई इतनी है कि यह उनके पैरों तक पहुंच रहा है। राघव के दिव्य शरीर पर दिख रहा कमरबंद 750 ग्राम सोने से तैयार किया गया है। भव्यता को दर्शाने के लिए इसमें 70 कैरेट का हीरा और 850 कैरेट का रूबी और पन्ना का भी इस्तेमाल किया गया है। श्रीराम के बाल स्वरूप की दिव्यता को दर्शाने के लिए बनाए गाए बाजूबंद और कलाईबंद में 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया गया है, जिसका वजन 400 ग्राम है। कौशल्या नंदन के हाथ में दिख रहा कड़े का वजन 850 ग्राम है। इसे बनाने में 100 कैरेट का हीरा और 320 कैरेट रूबी और पन्ना का इस्तेमाल किया गया है। श्रीराम के पैरों में दिख रहा पग कड़ा 400 ग्राम का है, इसमें हीरा और पन्ना भी जड़ा हुआ है। यह 22 कैरेट शुद्ध सोने से निर्मित है।।

बरेली से कपिल यादव

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