बरेली। शहर की डेलापीर स्थित फल मंडी में गुरुवार रात 11 बजे अचानक आग लग गई। इससे सी-ब्लॉक में टिन शेड के नीचे स्थित फलों की 28 दुकानों में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। जब पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड रात दो बजे तक भी उस पर काबू नही पा सकी। इस बीच गैस सिलेंडरों और इन्वर्टर की बैट्रियों में धमाकों से आग और फैलने से कई बार हालात बेकाबू हो गए। फायर ब्रिगेड ने तीन घंटे बाद आग बुझाने मे सफलता हासिल की। डेलापीर मंडी के सी ब्लॉक में फल मंडी में गुरुवार रात 11 बजे अचानक ही आढ़तों-दुकानों में आग लग गई। आसपास मौजूद व्यापारियों और मजदूरों ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आढ़त में प्लास्टिक की क्रेट होने के कारण आग विकराल होती गई। सीओ तृतीय अनीता चौहान और तीन थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शेड के नीचे स्थित 28 आढ़त और ऊपर बने कुछ गोदाम भी आग की चपेट में आ गए। लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी तो करीब साढ़े 11 बजे दमकल की एक गाड़ी मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। आग भीषण होने से एक गाड़ी काबू नही कर पाई और फिर अन्य गाड़ियां बुलाई गई। एक-एक करके दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग से भारी नुकसान हुआ है। रात दो बजे तक आग बुझाई जा सकी। आग के चलते टिन शेड टूट-टूटकर नीचे गिरने लगे। गोदाम में रखे इस्तेमाल के सिलेंडर और इन्वर्टर की बैटरी फटने से धमाके हुए तो हड़कंप मच गया। फल मंडी के अध्यक्ष आफताब आलम ने बताया कि आग मे रियासत, हसीन, सलीम, इस्लाम, सरदार, सुभान समेत अन्य लोगों की 28 आढ़त जल गई है। व्यापारियों ने बताया कि सी ब्लॉक में टिन शेड के नीचे उनकी आढ़तें संचालित होती है और पीछे की ओर पक्की दुकानें बनी हुई। जिन्हें वे लोग गोदाम के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कई प्रदेशों के मजदूर यहां काम करते हैं। इन दिनों मौसमी, नारियल, सेब, पपीता, अनार, केला आदि का बाजार में काम है, जिससे सभी व्यापारियों की आढ़तें भरी हुई थी। रात भर फलों के वाहनों का मंडी मे आना-जाना बना रहता है। फल व्यापारियों का कहना है कि आग लगते ही उन लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी। मगर दमकल की गाड़ी साढ़े 11 बजे के बाद पहुंची। एक गाड़ी होने के चलते वह भी आग पर कोई काबू नहीं पा सकी। अगर एकसाथ चार-पांच गाड़ियां भेजी जातीं तो आग पर जल्दी काबू पा लिया जाता और उन लोगों का इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजाउर रहमान ने बताया कि फल मंडी में एक सप्ताह का स्टॉक हमेशा रखा रहता है। वह सभी जल गई। आढ़ती सलीम का कहना है कि यदि आग लगने की सूचना पर फायर की गाड़ियां जल्दी आती तो कुछ दुकानें बच सकती थी। मंडी में अधिकांश लोगों ने दुकानों का किसी तरह को कोई बीमा भी नहीं करा रखा है। फल मंडी में तो किसी ने भी इंश्योरेंस नही कराया हुआ है। ऐसे में कारोबारियों का करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने नुकसान की भरपाई के संबंध में मंडी समिति के सचिव संतोष यादव से बात की है। संतोष यादव ने मंडी समिति की ओर से पीड़ित दुकानदारों और आढ़तियों को नियमानुसार मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।।
बरेली से कपिल यादव