बरेली। हर साल की तरह इस साल भी उर्स-ए-रजवी के मौके पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की अगुवाई मे मुस्लिम एजेंडा जारी किया गया। अलग-अलग राज्यों से आए उलमा और मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर सिविल लाइंस स्थित एक मैरिज हॉल में मीटिंग की। राजनीतिक पार्टियों के कार्यों का जायजा लेकर एक मुस्लिम एजेंडा तैयार किया। जिसमें मुसलमानों को तालीम पर जोर देने के साथ राजनीति से दूरी बनाने की हिदायत दी गई। मौलाना ने बताया कि एजेंडे में कहा गया है कि मुसलमान शिक्षा, बिजनेस और परिवार पर ध्यान दें। समाज में फैल रहीं बुराइयों की रोकथाम करें, वरना इसके भविष्य में नुकसान उठाने पड़ेंगे। देश की एकता और अखंडता के लिए मुसलमान हर कुर्बानी देने को तैयार हैं मगर दो मजहबों के बीच नफरत फैलाने वाली राजनीति बर्दाश्त नहीं की जा सकती। जुल्म और नाइंसाफी को ज्यादा दिन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सरकारों और राजनैतिक पार्टियों को इस पर गंभीरता से काम करना होगा। मुसलमानों के प्रति आचरण में बदलाव लाना होगा। मौलाना ने कहा है कि समान नागरिक संहिता मुसलमान को किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। यह शरीयत के खिलाफ है। हम इस कानून का हर तरह से विरोध करेंगे। समान नागरिक संहिता, वक्फ संशोधन बिल, पैगंबर इस्लाम की शान में गुस्ताखी जैसे मुद्दे उठाए गए। धार्मिक स्थलों जैसे ज्ञानवापी मस्जिद बनारस, शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। केंद्र, राज्य सरकारों के लिए भी एडवाइजरी व सलाह जारी की गई। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने, सरकारों में मुस्लिम नुमाइंदगी बढ़ाने और अन्य जैसी बातों को मुस्लिम एजेंडे में प्रमुखता से शामिल किया गया है।।
बरेली से कपिल यादव