फिर गौरवांवित हुआ काशी

वाराणसी। बनारस जहां काशी विश्वनाथ की नगरी है। जहां दूर-दूर से विदेशी सैलानी अपने संगीत मय कला को बिखेरने और सीखने काशी आते हैं। जहां उन्हें भी पहचान दी जाती है और वह भी इन में काफी आनंदित विलीन रहते हैं आज वही काशी की धरोहर काशी की परंपरा को साथ लेकर इस वीच में चलने वाले अपनी धून और अपनी कलाकारी से लोगों के मन को मोहने वाले
“पं सिद्धार्थ बनर्जी” सिद्ध वीणा के अन्तराष्ट्रीय स्तर के कलाकार हैं।जिन्हे हाल ही में दिल्ली में आयोजित 41वे अन्तराष्ट्रीय इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ ओरिएंटल हेरिटेज के कांफ्रेंस मे पण्डित जी को होनररि डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। पण्डित जी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रस्तुति से पूरी दुनिया में सिद्ध वीणा के तारो के साथ ही साथ श्रोताओं का मन भी झंकृत कर चुके है।इनके ऐल्बम देश के अलावा विदेशों जैसे क़ुईन्स लैंड, ब्रिस्बेन ईत्यदि से भी रिलीज़ हो चुका है। इनको निपा अवार्ड। सेंट टेरेसा अवार्ड। नेशनल गोल्ड मेडल। संगीत साधक अवार्ड ईत्यदि अनेको सम्मान से सम्मानित किया गया है। पं जी अपने प्रस्तुतियों एवं अपनी संस्था शारदा म्यूज़िक फाऊंडेशन के शिष्यों के माध्यम से देश और विदेश मे सिद्ध वीणा और गुरु शिष्य परम्परा का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।इनके शिष्य विदेशो मे भी है। पं जी की पहली गुरु इनकी माँ श्रीमति जया बनर्जी है।ये अपने परिवार मे चौथी पीरी है जो संगीत की सेवा कर रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतीथी के रूप तबला सम्राट पंडित किशन महाराज के सुपुत्र पण्डित पूरन महाराज जी एंव शारदा म्यूज़िक फाऊंडेशन के अध्यक्ष श्री के बी चक्रवर्ती भी साथ मौजूद रहे।कार्यक्रम आयोजक महेश कुमार राय।

रिपोर्ट महेश कुमार राय वाराणसी सिटी।

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