बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। मंगलवार को फर्जी साक्ष्य तैयार करके ऋण दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप मे पुलिस ने एक आरोपी को जेल भेज दिया जबकि दो फरार है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। दर्ज मुकदमे के अनुसार करीब चार माह पहले कस्बा के मोहल्ला साहूकारा निवासी गीता देवी, सुमित पाल, रिंकी राठौर और थाना मीरगंज के गांव समसपुर निवासी रचना देवी ने कस्बा के मोहल्ला अंसारी निवासी योगेन्द्र कुमार से ऋण दिलाने के लिए सम्पर्क किया था। वह चारो लोगो को बरेली मे एक आफिस मे ले गए थे। वहां मौजूद थाना कोतवाली के सिविल लाइन्स निवासी निजाम उलबहक और अतुल सक्सेना ने चारों से ऋण सम्बंधित दस्तावेज ले लिये। कुछ दिन के बाद उन्होंने पर्सनल ऋण की जगह मोबाइल पर प्रोडक्ट ऋण कर दिया। ऋण करीब 70 हजार का किया था लेकिन सभी पीड़ितों को 30, 35 हजार रुपये ही दिए गए थे। अगले महीने ऋण की किस्त जमा करने का नोटिस आया। किस्त की धनराशि उन्हें दिए गए ऋण के हिसाब से अधिक लगी। जिस पर सभी ने ऋण देने वाली बैंक से सम्पर्क साधा। उन्हें पता लगा कि उनका ऋण अधिक और मोबाइल पर किया गया है। मोबाइल आरोपियों ने किसी अन्य को बेच दिया। जिस पर पीड़ितों ने आरोपियों से बची धनराशि मांगी। एक महीने तक नही देने पर पीड़ितों ने तत्कालीन एसएसपी से शिकायत कर दी। मामला गंभीर एसएसपी ने खुद जांच कराई। दोषी पाए जाने पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट आरोपियों के खिलाफ फतेहगंज पश्चिमी थाना मे दर्ज करा दी। दरोगा अर्जित सिंह ने विवेचना के दौरान साक्ष्य जुटाकर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाकर आरोपी योगेन्द्र कुमार को मंगलवार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जबकि निजामुलहक और अतुल सक्सेना फरार चल रहे है।।
बरेली से कपिल यादव