बरेली। बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ इज्जतनगर की तरफ से बोनस अधिकार दिवस मनाकर बोनस को बढ़ाने की मांग रखी। कर्मचारियों ने कहा सरकार जो बोनस दे रही है वो बेहद कम है, लिहाजा इसे बढ़ाना जरूरी हो गया है। कहा गया कि बोनस कोई भीख नहीं है, बल्कि यह रेलवे कर्मचारियों का अधिकार है। पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष जे एस भदोरिया ने बताया की सरकार सातवें वेतन आयोग से वेतन दे रही है। रेल कर्मचारी लगातार आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं। न्यूनतम वेतन 18000 रुपये है, मगर दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी बोनस छठे वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतन 7000 की सिलिंग लिमिट के आधार पर 78 दिन का दिया जाता है। ये राशि 17961 रुपये है, नियमानुसार न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये होने पर बोनस की राशि 46159 रुपये होनी चाहिए। अगर 25 प्रतिशत की महगाई जोड़ी जाए तो बोनस की कुल राशि 57701 रुपये होनी चाहिए ऐसे में वर्ष 2016 से रेल कर्मचारियो का तकरीबन 39 हजार रुपये का नुकसान हर वर्ष हो रहा है। उन्होंने आल इंडिया रेल फेडरेशन (एआईआरएफ) और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे (एनएफआईआर ) के पदाधिकारियों पर भी कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। कारखाना मंडल मंत्री सूरज मल मीना, विभूति यादव, शैलेश वर्मा, पुष्पेन्द्र सिह, नंदन सागर, रवींद्र यादव, वाशिम मियां, बसंत कश्यप विवेक शर्मा, रवींद्र कुमार आरटीएस, अजय कन्नौजिया, दल सिंगार यादव, वीरेंद्र पाल, सोमूल शर्मा, अरविंद सिंह भदौरिया, धन कुमार पासवान, मोहित श्रीवास्तव, ओपीएन तिवारी नीरज भास्कर, रुद्र प्रताप, चंदन रावत, मनोज कुमार आदि रहे।।
बरेली से कपिल यादव