बरेली। जनपद के थाना शेरगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत मल्साखेड़ा मे पंचायत भवन मे बिना दरवाजे-खिड़की लगाए ही पूर्व प्रधान व सचिव द्वारा धनराशि हड़पने की सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने जांच रिपोर्ट डीपीआरओ को भेजी गई थी। वही कार्यवाही होने पहले ही निर्माणाधीन पंचायत भवन मे लोह के दरवाजे तथा खिड़की शुक्रवार को लगा दी गई। विकास खंड की ग्राम पंचायत मल्साखेड़ा मे वर्ष 2020-21 आरजीएसए योजना के अंतर्गत पंचायत भवन बनाने को 17 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई थी। इसमे प्रथम किश्त के रूप मे दस लाख रुपये ग्राम पंचायत के खाते मे भेजे गए। इसमें से ग्राम प्रधान रमेश चंद्र एवं सचिव सुशील गंगवार ने तकरीबन नौ लाख रुपये पंचायत घर के निर्माण में खर्च कर दिए। इसके बाद हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान तारावती बन गई। उन्होंने आधे अधूरे निर्माण होने के कारण पंचायत भवन की पत्रावली संबंधित सचिव से मांगी लेकिन तीन साल तक उपलब्ध नही कराई गई। इसके बाद उन्होंने इस संबंध में डीपीआरओ से शिकायत की। इसके बाद उन्हें पत्रावली मिली। इसमें निर्माणाधीन पंचायत भवन मे लोहे के दरवाजे-खिड़की लगे हुए दर्ज थे। जबकि मौके से गायब थे। उक्त संबंध मे उन्होंने मामले के संबंध में शिकायत जिला स्तर पर की। इसके बाद डीपीआरओ ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत राजीव शर्मा, कंसलटेंट इंजीनियर राघिव खां से जांच कराई। जांच में लोहे के खिड़की-दरवाजे ईटें आदि के नाम से 69244 रुपये की धनराशि बिना कार्य कराए ही निकाली हुई पायी गई। वही जांच के दौरान पूर्व प्रधान रमेश चंद्र बोस, सचिव सुशील गंगवार सूचना के बावजूद भी मौके पर नही पहुंचे। उक्त संबंध में जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर डीपीआरओ को भेजी थी। इसी बीच शुक्रवार को पंचायत घर मे लोहे के खिड़की-दरवाजे लगा दिए गए। इस मामले में सहायक विकास अधिकारी पंचायत राजीव शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिले पर भेज दी गई है। वर्तमान में पंचायत भवन में लोहे के खिड़की-दरवाजे लगाने की जानकारी हमे नही है।।
बरेली से कपिल यादव