बालोतरा/राजस्थान- राजस्थान स्टेट ज्यूडिशल अकेडमी, जोधपुर के निर्देशानुसार बालोतरा न्यायक्षेत्र के सभी न्यायिक अधिकारियों, अभियोजकों एवं अधिवक्ताओं ने नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम) 2023 के संबंध में बालोतरा में दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम में प्रावधानों पर विस्तृत परिचर्चा की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला एवं सेशन न्यायाधीश एम.आर. सुथार ने न्यायिक प्रक्रिया में साक्ष्य अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका होना बताया। कार्यक्रम में खगेंद्र कुमार शर्मा, न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, बालोतरा, विक्रम सिंह, न्यायाधीश, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बाड़मेर, सिद्धार्थ दीप सचिव, (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष हुक्म सिंह राजपुरोहित, विशिष्ठ न्यायाधीश पोक्सो न्यायालय बालोतरा, सरोज सींवर, विशिष्ठ न्यायाधीश एससी एसटी न्यायालय बाड़मेर, राजन खत्री, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश बालोतरा, पीयूष चौधरी, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 2 बाड़मेर व बालोतरा न्यायक्षेत्र के समस्त अधिकारीगणों ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पुराने एवं नए प्रावधानों पर तुलनात्मक परिचर्चा की एवं अपने विचार व्यक्त किए। नए कानूनों पर चर्चा के दौरान उपस्थित बालोतरा मुख्यालय के अधिवक्ताओं, डिफेंस काउंसिल, अभियोजन अधिकारियों एवं न्यायिक अधिकारियो ने सक्रिय भूमिका अदा की।
विदित हो कि तीनों नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम) 1 जुलाई, 2024 से लागू होने हैं।
– राजस्थान से राजूचारण