बरेली- हुज़ूर काईद ए मिल्लत मुफ़्ती मुहम्मद असजद रज़ा खान क़ादरी की सरपरस्ती में सुन्नी बरेलवी मसलक के पेशवा आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान क़ादरी का 105 वॉ उर्स-ए-रज़वी मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडी सेण्टर जामिआतुर्रज़ा में बड़ी शान व शौकत से मनाया गया ।
उर्स प्रभारी सलमान हसन खान (सलमान मिया) ने बताया कि उर्से आला हज़रत में देश-विदेश आये उलेमा किराम ने शिरकत फरमायी और आला हज़रत की बारगाह में खिराजे अक़ीदत पेश किया | उन्होंने बताया कि क़ारी शरफुद्दीन रज़वी साहब ने क़ुरआन ए पाक की तिलावत से उर्स के प्रोग्राम का आगाज़ किया और मौलाना गुलज़ार रज़वी साहब ने प्रोग्राम की निज़ामत की, उर्स में शरीक सय्यद कैफ़ी राजवी साहब ने नात-ओ-मनकबत का नज़राना पेश किया |
सलमान मिया ने बताया कि बाहर से आये उलेमा की तक़रीरे हुई जिसमे कालपी शरीफ से आए सय्याद गियासे मिल्लत ने फरमाया कि कल भी बरेली शरीफ मरकज़ था और आज भी मरकज़ है और कल क़यामत तक मरकज़ रहेगा हम किसी मनमानी की नहीं मानते हम सिर्फ काजी ए हिन्दुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी को अपना रहबर वा काईद मानते हैं l
नायब काजी उल कुजा़त मुफ्ती मुहम्मद जीयाउल मुस्तफ़ा सहाब के शहजादे मौलाना अबु यूसुफ ने फरमाया की आला हज़रत, हुज्जातुल इस्लाम वा ताजुश्शरिया को देखना हो वह हुजूर काजी ए हिन्दुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी को देख ले l
फरमान मियाँ ने बताया मुफ़्ती शहज़ाद आलम मिस्बाही साहब ने आला हज़रत की ज़िन्दगी पर रौशनी डाली उन्होंने अपनी तक़रीर में कहा कि आला हज़रत एक शख्सियत का नाम नहीं बल्कि एक जमात का नाम है, आपने एक हज़ार से ज़्यादा किताबे लिखीं, क़ुरआन शरीफ का बेहतरीन तर्जुमा किया, आपकी शायरी दुनियाभर में मशहूर है आपका नातिया दीवान हादायके बख्शिश दुनियाभर में पड़ा जाता है | इनके बाद मुफ्ती अफ़ज़ल रज़वी साहब ने आला हज़रत के तक़वे व फतवों पर बयान किया उन्होंने बताया कि आला हज़रात ने ज़िन्दगी भर ग़ुस्ताख़े रसूल का रद किया और लोगों को इसके रसूल का दर्स व लोगो के दिलों में इसके रसूल की शाम जलाते रहे, जिससे आपको दुनियाभर में लोग आशिके रसूल से जानते हैं | मौलाना शकील और बहार से आये उलेमा किराम ने बयानात किये । उर्स बाद काजी ए हिन्दुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी ने लाखों की संख्या में मुरीद किया l
सलमान मिया ने बताया कि उर्स का प्रोग्राम मरकज़ से ऑडियो लाइव प्रसारण किया गया | जिससे आपके अकीदतमंदों ने उर्से रज़वी दुनियाभर में खासकर दुबई, यू0 के0,अमरीका, हॉलेंड, मलावी, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, आदि देशो में सुना गया |
फरमान मिया ने कहा कि बाहर से आये ज़ायरीन के लिए लंगर व ठहरने का बड़े पैमाने पर इंतेज़ाम किया गया और उन्होंने उर्स की मुबारकबाद पेश की |
जिसमें मुख्य रूप से डॉ मेहँदी हसन, हाफिज इकराम, मोइन खान शमीम अहमद, मौलाना शम्स, मौलानामो कलीमुद्दीन ,मेवाती वसीम चौधरी निजामुद्दीन, नदीम सोभानी, आबिद नूरी, क़ारी मुर्तज़ा, कारी वसीम, कौसर अली, यासीन खान, सय्यद रिज़वान, अब्दुल सलाम, गुलाम हुसैन, दांनी अंसारी आदि लोग मौजूद रहे।
– बरेली से तकी रज़ा